AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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AgriStack Portal in CG: छत्तीसगढ़ के धमतरी एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन के 24 घंटे के बाद भी एकीकृत पोर्टल में रकबा शून्य दिखा रहा है। इससे पंजीयन के बाद भी किसान समर्थन मूल्य में अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं। किसान कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। पोर्टल में पंजीयन और रकबा संशोधन की अंंतिम तिथि 15 दिसंबर थी।
डेडलाइन समाप्त हो गई है, लेकिन अधिकारी तिथि और आगे बढऩे की जानकारी दे रहे हैं। इधर निर्धारित समय के बाद भी 4 हजार किसानों का रकबा, खसरा पंजीयन के बाद भी अपडेट नहीं हुआ है। इससे रकबा शून्य दिखा रहा है। लगातार मिल रही शिकायत के बाद कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने खाद्य विभाग, कृषि विभाग और सहकारिता विभाग की बैठक लेकर धान खरीदी के कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने रकबा शून्य दिखाने को लेकर अधिकारियों से सवाल किया, लेकिन अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
समस्या का समाधान नहीं होने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। इससे अधिकारियों में हडक़ंप मच गया है। वर्ष-2025 -26 में समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए 1 लाख 29 हजार 188 किसानों ने पंजीयन कराया है। एग्रीस्टेक पोर्टल में 1 लाख 19 हजार 696 किसानों ने पंजीयन हुआ है।
इस सीजन में कुल 9492 नए किसानों ने पंजीयन कराया है। इस सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन रकबा घटी है। ऐसे में लक्ष्य अनुरूप धान खरीदी करने में दिक्कत हो सकती है। समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए अधिकारियों को तत्काल इसमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
30 दिनों में जिले के 100 खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य में 44351 किसानों से 20 लाख 66 हजार 317 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। इसकी कुल कीमत 4 अरब 90 करोड़ 7 लाख 38 हजार रूपए है। धड़ाधड़ धान खरीदी होने से केन्द्रों में धान के स्टेग लगाए जा रहे हैं। लिकिंग के माध्यम से 106 करोड़ 46 लाख 47 हजार रूपए की वसूली की गई है।
वहीं 42682 किसानों को 4 अरब 73 करोड़ 24 लाख 56 हजार का भुगतान किया गया है। इधर केन्द्रों में बंपर आवक होने से 85 से अधिक केन्द्रों में बफर लिमिट से अधिक धान स्टाक हो गया है। इसमें नगरी, घठुला, गट्टासिल्ली, शंकरदाह समेत अन्य उपार्जन केन्द्र शामिल हैं।
ग्राम बहीगांव के किसान रवि नेताम ने बताया कि गिरदावरी का दो बार भौतिक सत्यापन होने के बाद भी एकीकृत पोर्टल में रकबा शून्य दिखा रहा है। कलेक्टर में ज्ञापन सौंपकर त्रुटि सुधार की मांग की गई है, लेकिन अभी भी जस की तस है। इससे 45 किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं।
ग्राम कुरमाझर के किसान हरखराम नेताम ने बताया कि खड़ादाह, बासीखाई, डोकाल, बेन्द्रापानी समेत आसपास के करीब 10 गांव के 200 किसानों का एकीकृत पोर्टल में रकबा शून्य दिखा रहा है। 2 बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन सुधार नहीं हुआ। किसान अधिकारियों का चक्कर काट रहे हैं।
भू-अभिलेख शाखा के अधिकारी मधुकर सिरमौर ने बताया कि एग्रीस्टेक में पंजीयन कराने के बाद किसान किसी भी च्वाइस सेंटर से आधार कार्ड नंबर और आधार से लिंक मोबाइल नंबर के माध्यम से वेरिफाई करा सकता है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद पटवारी और तहसीलदार के पास प्रस्तुत करें।
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Published on:
16 Dec 2025 03:46 pm


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