AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
-शीतलहर और कोहरा में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्गों को परेशानी-डॉक्टर दे रहे ठण्ड में बचने और अतिरिक्त एहतियात रखने की सलाह
-ओपीडी में सर्दी जनित बीमारियों के मरीजों की बढऩे लगी संख्या
धौलपुर. दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह प्रारंभ होने के साथ ही कड़ाके की ठण्ड ने भी टॉप गियर डाल दिया है। हालात यह हैं कि न्यूनतम तापमान 8 डिग्री के आसपास बना हुआ है। घटते तापमान, शीतलहर और बढ़ते कोहरे के कारण नौनिहालों और बुजुर्गों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसको लेकर अब डॉक्टर भी लोगों से एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
पिछले पांच दिनों से शहर सहित जिला कोहरा और शीतलहर की चपेट में है। जिस कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान भी धीरे-धीरे नीचे की ओर आ रहा है। घटते तापमान के कारण लोगों में सर्दी जनित बीमारियां बढऩे की आशंका बढ़ गई हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीजों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। कोहरा और शीतलहर की स्थिति में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सांस संबंधी रोगों से पीडि़त मरीजों, वृद्धजनों तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के प्रभावित होने की आशंका अधिक रहती है। डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक ठंड के कारण हाइपोथर्मिया, निमोनिया, अस्थमा एवं हृदयाघात (हार्ट अटैक) जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। जिस कारण इस मौसम में लोगों को अपने और अपनी परिवार का अतिरिक्त ख्याल रखने की जरूरत रहती है।
घर में रखें बच्चों और बुजुर्गों को
एमसीएच प्रबंधक डॉ. हरिओम गर्ग का कहना है कि सर्दियों में अभिभावकों को बच्चों का अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूर होती है। बच्चों को सर्द हवा और कोहरे में बाहर नहीं निकालें साथ ही अगर बच्चा कपड़े गीला कर दे, तो तुरंत उसे बदलना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को फुल गर्म कपड़े और मां का दूध पिलाना उत्तम होता है। जिससे बच्चों की इम्युनिटी बढ़तने के साथ बच्चा रोगों से दूर रहता है। वरिष्ठ फिजीशियन डा. दीपक जिंदल का कहना है कि सर्दियों में कोहरा सिर्फ दृश्यता ही नहीं घटाता, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कई तरह की परेशानियां बढ़ा देता है। सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को आती है, क्योंकि कोहरा और ठंडी हवा में लापरवाही सीधे सर्दी-जुकाम, सांस की बीमारी और आंखों की परेशानी को बढ़ा देता है। थोड़ी सी सतर्कता और नियमित सावधानी से कोहरा के दुष्प्रभावों से आसानी से बचा जा सकता है। ऐसे मौसम में स्वस्थ रहने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है। ऐसे में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। बुजुर्गों और बच्चों को शीतलहर और कोहरा के दौरान घर में रहना चाहिए। समय-समय पर गुनगुने गर्म पानी का सेवन करने से शरीर को गर्माहट मिलती है। इस दौरान ठण्डा, खट्टा और बाहरी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग दे रहा सावधानी बरतने की सलाह
स्वास्थ्य भी आमजन से सतर्कता बरतने एवं आवश्यक सावधानियां अपनाने की सलाह दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दिसम्बर एवं जनवरी माह के दौरान शीतलहर का प्रभाव अधिक रहता है। बढ़ती ठंड का प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, पहले से बीमार व्यक्तियों, दिव्यांगजनों, बेघर नागरिकों तथा खुले स्थानों पर कार्य करने वाले छोटे व्यवसायियों पर पड़ सकता है। विभाग ने बताया कि आगामी दिनों में शीतलहर एवं तीव्र शीतलहर दोनों ही परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले
देखा जाए तो कड़ाके की ठण्ड में श्वास संबंधी बीमारी, निमोनिया आदि के अलावा हार्ट अटैक और ब्रेन स्टोक के भी मामले अधिक सामने आने लगते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जिस कारण ही हमें सर्दी के दौरान अत्यधिक सावधानी की जरूरत होती है। सर्दियों के दौरान हमारी मांसपेशियों के साथ धमनियों में जकडऩ आ जाती है जिस कारण रक्त का संचार सही प्रकार नहीं हो पाता। ऐसे में रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म या गुनगुना पानी पीना हृदय और मस्तिष्क से जुड़ी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में सहायक माना जाता है। सर्दियों में उच्च प्रोटीन युक्त और सुपाच्य भोजन का सेवन किया जाए, ताकि शरीर की ऊर्जा बनी रहे और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
23 Dec 2025 06:55 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।