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Rajasthan Government School : राजस्थान के सरकारी स्कूलों को अब तक नहीं मिला झाडू-पोछे-साबुन के लिए एक रुपया भी, शिक्षक परेशान

Rajasthan Government School : राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के प्रावधानों के मुताबिक सत्र की शुरूआत में मिलने वाली कंपोजिट स्कूल ग्रांट की 70 फीसदी राशि दिसंबर माह तक खर्च करना अनिवार्य है। पर यहां केस उलटा है। सरकारी स्कूलों को झाडू-पोछे-साबुन के लिए अब तक एक नया रुपया नहीं दिया है।

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Rajasthan Government schools have not yet received a single rupee for brooms mops and soap teachers are worried
फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Government School : राजस्थान सरकार 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर स्वच्छता के गीत गुनगुना रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत श्रमदान के आयोजन हो रहे हैं। पर, प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के हालात ये हैं कि सत्र के 6 माह गुजरने के बावजूद अब तक सरकार ने झाडू-पोछे और साबुन सहित स्कूल संबंधित रोजमर्रा के कार्यों से जुड़े खर्चों के लिए एक नया रुपया नहीं दिया है। इससे संस्थाप्रधान एवं शिक्षक उधारी या शाला विकास कोष से राशि निकालकर काम चला रहे हैं।

जबकि, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के प्रावधानों के मुताबिक सत्र की शुरूआत में मिलने वाली कंपोजिट स्कूल ग्रांट की 70 फीसदी राशि स्कूल को दिसंबर माह तक खर्च करना अनिवार्य है। इस साल अभी तक जिले के 499 सहित प्रदेश के 19,772 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों की जेब खाली है और उन्हें अब तक कंपोजिट स्कूल ग्रांट की एक भी किस्त जारी नहीं हुई है। इसका सीधा असर विद्यालयों के नियमित संचालन पर पड़ रहा है। कई स्कूलों में बिजली-पानी के बिल, समाचार पत्र, स्टेशनरी व अन्य दैनिक आवश्यकताओं का भुगतान करना भारी पड़ गया है।

दीपावली में खाली हुआ था कोष

सरकार के निर्देश पर दीपावली पर्व से पहले अधिकांश विद्यालयों में रंगरोगन और छोटी-मोटी मरम्मत के कार्य शाला विकास कोष से कराए गए। सीमित संसाधनों वाला यह कोष लगभग खाली हो चुका है। अब स्थिति यह है कि नियमित खर्चों के लिए भी राशि उपलब्ध नहीं है और कई आवश्यक कार्य या तो ठप हैं या फिर शिक्षक एवं संस्थाप्रधान को निजी खर्च वहन करना पड़ रहा है।

इस कार्य के लिए मिलती है राशि

कंपोजिट स्कूल ग्रांट की राशि विद्यालयों में नामांकन के आधार पर निर्धारित की जाती है। इस राशि से स्वच्छता, पेयजल, चॉक-डस्टर, स्टेशनरी सहित अन्य शैक्षिक सामग्री की व्यवस्था की जाती है। ग्रांट नहीं मिलने से इन बुनियादी सुविधाओं पर असर पड़ रहा है।

नामांकन के हिसाब से इतना बजट

1- 1 से 30 : 10 हजार रुपए।
2- 31 से 100 : 25 हजार रुपए।
3- 101 से 250 : 50 हजार रुपए।
4- 251 से 1000 : 75 हजार रुपए।
5- 1000 से अधिक : 1 लाख रुपए।

खेल अनुदान की राशि भी अब तक जारी नहीं

कंपोजिट स्कूल ग्रांट के साथ ही खेल अनुदान की राशि भी अब तक जारी नहीं की है। खेल अनुदान के तहत राप्रावि को 5 हजार, राउप्रावि को 10 हजार और राउमावि को 25 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। यह राशि बहुत कम है। पर, इस बार जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं समाप्त होने के बावजूद राशि जारी नहीं हुई।

अंतिम चरण में है प्रक्रिया

प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को राशि जारी हो गई है। अगले चरण में समस्त उमावि को राशि जारी होगी। प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
आरएल डामोर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, डूंगरपुर

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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