AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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India Oldest School Education Board: जब भी भारत में स्कूली शिक्षा की बात होती है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले सीबीएसई (CBSE) या आईसीएसई (ICSE) बोर्ड का नाम आता है। ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि ये भारत के सबसे पुराने बोर्ड हैं। लेकिन हकिकत इससे बिल्कुल उलट है। भारत का सबसे पुराना स्कूल बोर्ड न तो सीबीएसई है और न ही आईसीएसई।
भारत में ऑफिशियली स्कूली शिक्षा की नींव ब्रिटिश शासन के दौरान ही पड़ गई थी। भारत का सबसे पुराना स्कूल बोर्ड CBSE या ICSE नहीं बल्कि 'उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद' (UPMSP) है, जिसे आमतौर पर यूपी बोर्ड कहा जाता है। इस बोर्ड का शुभारम्भ साल 1921 में संयुक्त प्रांत (United Provinces) विधान परिषद के तहत किया गया था। इसका हेडक्वार्टर प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद कहा जाता था।
यूपी बोर्ड भारत का पहला ऐसा शिक्षा बोर्ड था जिसने, हाईस्कूल यानी क्लास 10th और इंटरमीडिएट क्लास 12th की एग्जाम्स को तय नियमों के साथ कंडक्ट करानी शुरू कीं। उस समय जब देश के कई हिस्सों में पढ़ाई के लिए कोई खास इंतजाम नहीं थे, तब यूपी बोर्ड ने एक समान सिलेबस और एग्जाम सिस्टम लागू किया।
तथ्यों पर गौर करें तो आईसीएसई (ICSE) बोर्ड का गठन 1958 में हुआ था, जबकि सीबीएसई (CBSE) 1962 में अपने मौजूदा रूप के साथ अस्तित्व में आया। हालांकि सीबीएसई की जड़ें 1929 के 'बोर्ड ऑफ हाईस्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन, राजपूताना' से जुड़ी हैं। जब ये दोनों बोर्ड बने, तब तक यूपी बोर्ड को परीक्षाएं आयोजित करते हुए लगभग 40 साल बीत चुके थे।
यूपी बोर्ड न केवल भारत का सबसे पुराना बोर्ड है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड भी माना जाता है। हर साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम्स में लाखों स्टूडेंट्स शामिल होते हैं। इस सिस्टम को देखकर कई राज्यों ने अपने यहां भी इसी तरह का पैटर्न अपनाया।
एक सदी से भी अधिक पुराना होने के बावजूद यूपी बोर्ड आज भी समय के साथ अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है। वर्तमान में इस बोर्ड का सिलेबस काफी हद तक एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है। यही वजह है कि यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स आज भी प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक करोड़ों स्टूडेंट्स को सस्ती और सुलभ शिक्षा मुहैया कराने मेंयूपी बोर्ड की अहम भूमिका है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
17 Dec 2025 09:17 pm


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