AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Academic Background of Football Stars: फुटबॉल स्टार प्लेयर्स की बात होती है तो सबसे पहले दो नाम जहन में आते हैं, लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो। दोनों ने कई बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं। साथ ही, दुनियाभर के करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करते हैं। लेकिन फैंस के मन में एक सवाल अक्सर उठता है कि इन दोनों प्लेयर्स में से कौन ज्यादा पढ़ा-लिखा है?
लियोनेल मेसी का जन्म अर्जेंटीना के रोसारियो शहर में हुआ। बचपन से ही उनका लगाव फुटबॉल में ज्यादा था। मेसी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अर्जेंटीना के एक स्थानीय स्कूल से की। कम उम्र में ही मेसी को ग्रोथ हार्मोन की बीमारी का सामना करना पड़ा। बेहतर इलाज और फुटबॉल करियर के लिए 13 साल की उम्र में वह स्पेन चले गए। स्पेन जाने के बाद मेसी बार्सिलोना क्लब की फेमस अकादमी ला मासिया में शामिल हो गए। यहां उनका फोकस पूरी तरह फुटबॉल पर रहा। स्कूल की पढ़ाई सीमित स्तर तक ही रही और उन्होंने आगे कॉलेज या यूनिवर्सिटी की पढ़ाई नहीं की। मेसी खुद कई बार कह चुके हैं कि, उन्हें असल में शिक्षा फुटबॉल के मैदान से ही हासिल हुई है। वह किताबों से ज्यादा खेल के अनुभव को महत्व देते हैं।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो का जन्म पुर्तगाल के मदीरा द्वीप पर हुआ। उनका बचपन आर्थिक रूप से काफी संघर्ष भरा था। रोनाल्डो ने भी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के स्कूल से की। हालांकि पढ़ाई में उनका ज्यादा मन नहीं लगता था। वह शुरू से ही प्रोफेशनल फुटबॉलर बनना चाहते थे। करीब 14 साल की उम्र में रोनाल्डो ने एक बड़ा फैसला लिया। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने, पढ़ाई छोड़कर पूरी तरह फुटबॉल पर ध्यान देने का निर्णय लिया। इसके बाद वह स्पोर्टिंग लिस्बन की फुटबॉल अकादमी में शामिल हो गए। यहीं से उनके प्रोफेशनल करियर की शुरूआत हुई। रोनाल्डो ने भी आधिकारिक रूप से हाई एजुकेशन पूरी नहीं की।
अगर केवल औपचारिक शिक्षा (Formal Education) की बात करें तो लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो दोनों ही ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। दोनों ने स्कूल स्तर की पढ़ाई के बाद फुटबॉल को ही अपना जीवन बना लिया। हालांकि, यह कहा जा सकता है कि मेसी ने स्कूल की पढ़ाई रोनाल्डो की तुलना में थोड़ी ज्यादा समय तक की, जबकि रोनाल्डो ने कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
मेसी और रोनाल्डो की सफलता यह साबित करती है कि शिक्षा के अलग-अलग मायने हो सकते हैं। कक्षा की चारदीवारी और किताबों की पढ़ाई में भले ही दोनों कमतर रहे हों, लेकिन खेल की समझ, मेहनत और जुनून के दम पर ये दोनों ही दुनिया के सबसे महान खिलाड़ियों की लिस्ट में गिने जाते हैं। उनकी कहानी युवाओं को यह सिखाती है कि, मेहनत और डेडिकेशन से किसी भी मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
16 Dec 2025 03:17 pm
Published on:
15 Dec 2025 11:28 pm


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