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Hariyali Teej 2025 Traditions: मायके में मनाई जाती है पहली हरियाली तीज, जानें क्या है सिंधारा, 3 संकल्प और अन्य परंपराएं

first Hariyali Teej: नाग पंचमी से दो दिन पहले पड़ने वाली श्रावण शुक्ल तृतीया यानी हरियाली तीज का नवविवाहिताओं के लिए खास महत्व होता है। नवविहिताएं पहली हरियाली तीज मायके में ही मनाती हैं। आइये जानते हैं हरियाली तीज की विशेष परंपरा के बारे में (Hariyali Teej 2025 Traditions

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Hariyali Teej 2025 Traditions
First Hariyali Teej: हरियाली तीज की अनोखी परंपरा (Ai Generated Picture Chat GPT And Patrika Design)

Hariyali Teej 2025 Traditions: हरियाली तीज को छोटी तीज, सिंधारा तीज या श्रावणी तीज के रूप में भी जाना जाता है। उत्तर भारत समेत भारत के बड़े हिस्से में हरियाली तीज पर माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन का उत्सव उत्साह के साथ हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अखंड सुहाग की कामना और परिवार की सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

इस सावन के व्रत में महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं और विशेष रूप से हरी साड़ी में सजधज कर अपने मायके जाती हैं और तीज के गीत गाते हुए झूलों का आनंद लेती हैं। नव विवाहिताएं तो खासतौर पर पहला हरियाली तीज मायके में ही मनाती हैं। इसके लिए नई दुल्हनों को माता पिता ससुराल से पीहर में बुला लेते हैं। आइये जानते हैं तीज 2025 व्रत से संबंधित कुछ परंपरा

क्या है सिंधारा ??

हरियाली तीज पर एक दिन पहले माता पिता की ओर से विवाहित कन्या और उसके ससुराल के लोगों को उपहार भेजा जाता है। इसमें मिठाई, घेवर, मेहंदी, चूड़ियां, वस्त्र, आभूषण, अन्य श्रृंगार का सामान आदि होती हैं। इसी उपहार को सिंधारा कहा जाता है। हरियाली तीज के दिन सिंधारा भेंट करने की प्रथा के कारण इस तीज को सिंधारा तीज भी कहा जाता है।

हरियाली तीज की अन्य परंपरा

1.हरियाली तीज पर मेहंदी का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं और युवतियां हाथों में मेहंदी और पैरों में आलता लगाती हैं।

2. हरियाली तीज पर सुहागिन स्त्रियां सास के पांव छूकर उन्हें सुहागी देती हैं। यदि सास न हो तो जेठानी या किसी अन्य वृद्ध महिला को सुहागी दी जाती है।

3. हरियाली तीज पर महिलाएं और युवतियां खेत या बाग में झूले झूलती हैं और लोक गीत पर नाचती-गाती हैं।

ये भी पढ़ेंः Teej Kab Hai 2025: कब है हरियाली तीज, देखिए तीज 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हरियाली तीज पर तीन बातों को त्यागने का संकल्प

हरियाली तीज पर कई जगह महिलाएं इन 3 बातों के त्याग का संकल्प लेती हैं।

1. पति से छल-कपट न करने का संकल्प।

2. झूठ और दुर्व्यवहार से तौबा करने का संकल्प।

3. परनिंदा (दूसरों की बुराई करने से बचना) से बचने का संकल्प।

ये भी पढ़ेंः Sawan 2025 Shubh Yog: इस शुभ योग में शिव पूजा से मनचाहा वरदान, पढ़े सावन का ज्योतिषीय महत्व

हरियाली तीज की मान्यताएं

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या और 108वें जन्म के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। मान्यता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन को सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया। इसलिए मान्यता है कि हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन और व्रत करने से विवाहित स्त्री सौभाग्यवती रहती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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