AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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जब सारा शहर होली की खुशियां मना रहा था, सभी रंगों से सराबोर थे, तब गाजियाबाद में एक नाबालिग अपनी जान बचाने को अपार्टमेंट की सीढ़ियों के नीचे छिपी फिर रही थी। पैरों से खून रिस रहा था। शरीर का कोई ऐसा अंग नहीं था जहां चोट ना लगी हो। ये किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद के जनसत्ता अपार्टमेंट की सच्ची घटना है।
गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में एक नाबालिग होममेड के साथ मारपीट, बर्बरता और उत्पीड़न का मामला सामने आया है। जनसत्ता अपार्टमेंट में रहने वाली एक महिला पर 17 साल की डोमेस्टिक हेल्पर के साथ बर्बरता की सारी हदें पार करने के आरोप हैं। लगभग एक साल से लगातार उसके साथ मारपीट और उत्पीड़न का आरोप मालकिन पर है। इस मामले को लेकर इंदिरापुरम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं बच्ची का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
बच्ची को रेस्क्यू करने पहुंचे ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ एनजीओ की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। पत्रिका ने जब एनजीओ से इस मामले को लेकर बातचीत की तो एक दर्दनाक सच सामने आया।
घरेलू सहायिका के रेस्क्यू में मेरा रंग फाउंडेशन ने भी मदद की। संस्था की शालिनी श्रीनेत भी रिपोर्ट लिखाने और हॉस्पिटल में एडमिट कराने के दौरान पीड़िता के साथ मौजूद रहीं।
बातचीत के दौरान एनजीओ के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि होली वाले दिन उन्हें एक फोन आया और बताया गया की जनसत्ता कॉलोनी में एक मालकिन ने अपनी होममेड को काफी बुरी तरह से पीटा है। वह उससे घरेलू बालमजदूरी भी कराती है। लड़की की उम्र करीब 17 साल है। लड़की पिछले एक साल से 20-20 (सुबह 6 बजे से रात के 2 बजे तक) घंटे काम करती है।
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उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही वो तुरंत एक्शन में आ गए। चूंकि होली का दिन था तो उन्हें साधन मिलने में भी परेशानी हुई। लेकिन किसी तरह से मदद लेकर एनजीओ की टीम वहां तुरंत पहुंचीं। एनजीओ की टीम जब वहां पहुंची तो लड़की की हालत काफी खराब थी।
एनजीओ के अनुसार बच्ची ने बताया कि उसकी मालकिन रीना शर्मा ने उसके साथ मारपीट की है। पीड़िता ने रीना पर आरोप लगाया कि वह उसे अक्सर डंडे और हाथ से पीटा करती है। पीड़िता ने बताया की 24 मार्च की रात को भी उसकी मालकिन ने उसे बुरी तरह से पीटा। अपनी बेरहम मालिकन से बचने के लिए वह भागकर सोसाइटी में सीढ़ी के नीचे छिप गई। इलाके के लोगों की मदद से बच्ची को एनजीओ ने रेस्क्यू किया। बता दें कि बच्ची सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल की रहने वाली है।

मनीष शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने बच्ची को रेस्क्यू किया तो उसकी हालत बहुत खराब थी। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। उसे बुरी तरह से मारा-पीटा गया था। उसके पैरों को खौलते पानी से जला दिया गया था, जहां से खून रिस रहा था। उसके हाथ सूजे थे। सिर में गंभीर चोटें थी। पीठ पर बेलन से मारने के निशान थे। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची ठीक से बोल भी नहीं पा रही। एनजीओ के मुताबिक उसकी हालत में अब थोड़ा सुधार आ रहा है। लेकिन फिर भी उसे ठीक होने में समय लगेगा।
मनीष शर्मा ने बताया कि बच्ची की इतनी बुरी हालत है कि वो किसी की आहट पाकर भी बुरी तरह से डर जाती है। उसे शारीरिक चोट के साथ-साथ मानसिक आघात भी पहुंचा है। जिसे भरने में काफी वक्त लगेगा। बचपन बचाओ आंदोलन, बाल विवाह, बाल मजदूरी, बंधुआ मजदूरी जैसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाता है।
एनजीओ ने अब तक लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चों को रेस्क्यू किया है। मनीष शर्मा ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि जिस रीना शर्मा पर ये आरोप लग रहे हैं उनके पिता मनमोहन शर्मा एक जाने-माने पत्रकार हैं।
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Updated on:
26 Mar 2024 09:58 pm
Published on:
26 Mar 2024 06:02 pm


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