AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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UP SIR: यूपी के इस जिले में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं। हालात यह हैं कि लोकसभा और विधानसभा की मतदाता सूचियों से लाखों नाम पहले ही बाहर हो चुके हैं। जबकि करीब 2.83 लाख मतदाताओं की अब तक सही तरीके से मैपिंग नहीं हो पाई है। सबसे ज्यादा परेशानी तरबगंज और गोंडा विधानसभा क्षेत्रों में देखने को मिल रही है। जहां बड़ी संख्या में मतदाताओं, खासकर महिलाओं की 2003 की पुरानी मतदाता सूची से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
UP SIR: यूपी के गोंडा जिले की सातों विधानसभा सीटों में कुल करीब 25.52 लाख पंजीकृत मतदाताओं को एसआईआर प्रक्रिया में शामिल करने का दावा किया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के स्तर पर अब तक लगभग 81.20 प्रतिशत मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है। इस दौरान यह भी सामने आया कि करीब 11.11 प्रतिशत मतदाताओं की 2003 की मतदाता सूची से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है। इसके अलावा लगभग 18.72 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं। जो किसी न किसी वजह से इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए। इनमें मृतक, स्थानांतरित हो चुके लोग, पहले से पंजीकृत मतदाता या अन्य कारणों से बाहर हुए नाम शामिल हैं।
प्रशासन का कहना है कि जिन मतदाताओं की जानकारी अधूरी है। उनकी पात्रता की जांच के लिए हर बूथ पर नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। ये अधिकारी बीएलओ के साथ मिलकर घर-घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। और मतदाताओं से जरूरी दस्तावेज व जानकारी जुटा रहे हैं। एडीएम आलोक कुमार के मुताबिक पूरी प्रक्रिया 26 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
आंकड़ों पर नजर डालें तो औसतन जिले में 11.11 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग अभी बाकी है। इसमें तरबगंज विधानसभा क्षेत्र में 14.73 प्रतिशत और गोंडा में 13.48 प्रतिशत सबसे अधिक है। वहीं करनैलगंज, कटरा बाजार, मुजेहना, मनकापुर और गौरा में भी हजारों मतदाताओं की जानकारी अभी अधूरी है।
बीएलओ का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत विवाहित महिलाओं के मामलों में आ रही है। शादी के बाद पता बदल जाने या पुराने रिकॉर्ड न मिलने के कारण उनकी जानकारी जुटाना कठिन हो रहा है। फिर भी प्रशासन का दावा है कि हर पात्र मतदाता को सूची में शामिल करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है, ताकि कोई भी योग्य नागरिक अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
18 Dec 2025 10:36 am


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