AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Akhlaq Lynching गौतम बुद्ध नगर के दादरी गांव में 10 साल पहले मोहम्मद अखलाक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। जब राज्य सरकार ने 10 लोगों के खिलाफ लगे आरोप वापस लेने की अनुमति मांगी है। प्रदेश सरकार की तरफ से इसके तीन कारण भी बताए गए हैं। पहला कारण नामजद मुकदमा दर्ज कराते समय अलग-अलग जानकारी दी गई। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस पर तल्ख टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि हत्या में दर्ज मामले कभी वापस लिए वापस लिये गये है। अखलाक के परिवार को आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए समय दिया गया है। अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी में 28 सितंबर 2015 को भीड़ ने 50 वर्षीय अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जिसके ऊपर गाय की हत्या कर मांस खाने का आरोप लगाया गया था। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था। 10 साल बाद राज्य की सरकार की तरफ से 10 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की अनुमति मांगी है।
इस संबंध में राज्य की तरफ से बताया गया कि अखलाक और उनके बच्चों ने दर्ज किए गए नामजद मुकदमों में अलग-अलग जानकारी दी गई है। जबकि सभी आरोपी गांव के ही रहने वाले थे। 26 नवंबर 2015 को अखलाक की पत्नी ने 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बेटी ने कहने से 6 और नाम जोड़ दिए। 5 दिसंबर 2015 को अखलाक के बेटे दानिश ने तीन अन्य लोगों की पहचान बताई। इसी मुद्दे पर राज्य को आपत्ति है कि गवाहों के बयान शक पैदा कर रहे हैं।
इस संबंध में अखलाक के वकील युसूफ सैफी ने बताया कि राज्य की तरफ से की गई मांग से वे दुखी हैं। लेकिन वह अपना काम करते रहेंगे। उन्हें भरोसा है कि इंसाफ मिलेगा। उन्होंने बताया कि एक ही समय में चार लोगों को अलग-अलग पीटा जा रहा है ऐसे में मार खाने वाला व्यक्ति ही उसकी पहचान कर सकता है। दूसरी तरफ फास्ट ट्रैक कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या आईपीसी की धारा 302 में दर्ज मामले कभी वापस लिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक लाख के परिवार को आपत्ति दाखिल करने के लिए समय देने की मांग स्वीकार की है अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।
28 सितंबर 2015 को जंगल में आग की तरह यह बात फैल गई कि अखलाक के परिवार ने गाय को मार कर उसका मांस खाया है। बाकी बचे अवशेषों को ट्रांसफार्मर के पास फेंक दिया गया है। सोशल मीडिया पर यह जानकारी बड़े पैमाने पर फैल गई। देखते देखते अखलाक के घर के सामने बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई और उसकी पिटाई करने लगे। उन्हें घर से खींचकर बाहर लाया गया और जमकर पीटा गया। जिससे अखलाक मौत हो गई। जबकि 22 वर्षीय दानिश भी घायल हो गया।
शुरुआती जांच में गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर 19 हो गई। फिलहाल सभी जमानत पर हैं। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। मथुरा फोरेंसिक लैब में मांस को जांच के लिए भेजा गया। जिसकी रिपोर्ट में बताया गया कि वह गाय-बछड़े का है। परिवारों ने इसका भी विरोध किया और कहा कि मांस बदल गया है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
13 Dec 2025 09:11 am


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