AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

ग्वालियर. जीआरएमसी में मेडिसिन के पूर्व छात्रों (एल्युमिनी) का मिलन समारोह का आयोजन पहली बार हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन में पहले दिन 30 साल बाद कई पुराने डॉक्टर अपने मित्रों से मिले। नये डॉक्टरोंं को जब पुराने डॉक्टरों के बारे में बताया गया तो उनके अनुभव सुनने के साथ नये डॉक्टर आर्शीवद भी लेते रहे। कैंसर हॉस्पिटल के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में संचालन डॉ. पुनीत रस्तोगी, डॉ जेएस नामधारी ने अपने- अपने गुरुओं का परिचय कराते हुए छात्रों को बताया कि जिन्होंने हम लोगों को मेडिकल के बारे में बताया। ऐसे डॉक्टर आज भी हमारे मार्गदर्शक बने हुए है। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ .अक्षय निगम, दतिया मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.दिनेश उदैनिया, जेएएच के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ के साथ कई विभाग के एचओडी और बाहर से आए डॉक्टरों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर कुछ डॉक्टरों को सम्मानित करने के साथ उन्होंने अपने अनुभव भी बताए। कार्यक्रम में कैंसर चिकित्सालय के निर्देशक डॉ. बीआर श्रीवस्तव, डॉ. सुषमा तिरखा, डॉ धर्मेद्र तिवारी, डॉ. मनीष गुप्ता आदि उपस्थित थे।
जेएएच की बिल्डिंग का भ्रमण आज
इस कार्यक्रम में लगभग 200 डॉक्टर आए है। जिसमें से कुछ डॉक्टर अब राजनीति क्षेत्र में भी आ गए है। यह सभी डॉक्टर रविवार को जेएएच कैंपस का भ्रमण करेंगे। वहीं अपने पुराने दिनों की यादे नये डॉक्टरों को बताएंगे।
क्या बोले डॉक्टर
मरीजों के साथ जनता की करता हंू सेवा
हम लोगों ने जीआरएमसी से ही सीखकर अपना भविष्य बनाया है। 2005 बैंच के कई डॉक्टर आज मिले है। पीजी छात्रों की पहली एलुमिनी मीट है। डॉक्टर बनने के बाद राजनीति में आया हंू। मरीजों के साथ क्षेत्र के लोगों को भी मैं प्राथमिकता से देखता हंू। आज भी क्षेत्र में जाकर जनता के बीच अपने अनुभव बताता हंू।
डॉ योगेश पंडाग्रे, आंवला बैतूल विधायक
-
चिकित्सा के साथ सिस्टम को सुधारने की ठानी
सामाजिक क्षेत्र का बड़ा क्षेत्र है।
चिकत्सा में बीमारी को ठीक कर सकते है। लेकिन राजनीति में हम सिस्टम को भी सही करे। इसलिए राजनीति की ठानी। समय- समय पर सुपर स्पेशलिटी के साथ अस्पताल की सुविधा के लिए लगातार मांग उठाई गई है। जिससे चिकित्सा क्षेत्र में सुधार आ सके। मेरी तमन्ना है ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी मेडिकल सुविधा मिल सके।
डॉ हीरालाल अलावा, मनावर विधायक
-
डॉक्टर अब व्यवसायी हो गए है
डॉक्टर का पेशा अब व्यवसायी हो गया है। पहले सीनियर बताया करते थे कि मरीज को कम से कम दवाएं देखकर इलाज करो। लेकिन अब जमाना बदल गया है। आजकल के डॉक्टर मरीज की जेब देखकर दवाएं लिखते है। इसके लिए कुछ हद तक मरीज भी दोषी है। अगर डॉक्टर दवाएं लिखते है तो वह जांच के लिए जरूर लिखवा लेते है। वहीं अब नई डॉक्टरों की पीढ़ी सीनियर की इज्जत करना तक भूल गए है।
डॉ. केके अग्रवाल , धौलपुर
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?

लव सोनकर
लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...
Published on:
17 Mar 2024 11:17 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।