AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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ग्वालियर. सरकार दावा करती है कि अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पूरी तरह ऑनलाइन हो चुका है और नागरिक बिना किसी परेशानी के घर बैठे आवेदन कर सकते हैं, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। सिस्टम ऑनलाइन जरूर हुआ है, पर काम अब भी एजेंटों के जरिए ही करवाया जा रहा है। जब आरटीओ सेवा पोर्टल पर आवेदन करने की कोशिश की तो सामने आया कि स्लॉट उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। सर्वर एरर आना, ओटीपी न मिलना और डॉक्यूमेंट अपलोड न होना आम बात है। लाइसेंस प्रोसेस को सरल बताया जाता है, लेकिन आम नागरिक संसाधन और तकनीकी जानकारी की कमी के कारण खुद आवेदन नहीं कर पाते हैं।
3000 दो, घर बैठे बन जाएगा लाइसेंस: एजेंट
आरटीओ विभाग से संबधित काम करने का वोल अमजद नामक एजेंट से ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में बात की, तो उसने कहा आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। 3000 रुपए दो, लाइसेंस घर बैठे बनकर आ जाएगा। स्लॉट, टेस्ट, सब मैं करवा दूंगा। लाइर्निंग लाइसेंस तो तत्काल बनाकर दे दूंगा। स्थाई लाइसेंस एक महीने बाद आ जाना बन जाएगा, सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए जाना होगा। दूसरे एजेंट से पूछा कि जब सिस्टम तो ऑनलाइन हो चुका है, फिर एजेंट की जरूरत क्यों? तो उसका कहना था कि ऑनलाइन सिस्टम तो कर दिया गया है, लेकिन आम आदमी को परेशानी आती है। स्लॉट मिलता नहीं है, टेस्ट भी पास नहीं कर पाता है, इसलिए हम सारा काम करा देते हैं।
एजेंटों का खुला रेट
कंपू हजार बिस्तर के बाहर बैठने वाले एजेंटों से पास जाएंगे तो 500 से 1000 रुपए देकर आसानी से लाइसेंस बन जाता है। न तो ट्रायल की जरूरत न कोई और झंझट। अतिरिक्त पैसे उपलब्ध करा दिए तो सिर्फ एक बार फोटो खिंचाने जाना पड़ता है और लाइसेंस की लिंक घर बैठे मोबाइल पर पहुंच जाती है।
एजेंट संभालते हैं ड्राइविंग टेस्ट की औपचारिकता
लर्निंग लाइसेंस से लेकर फाइनल लाइसेंस तक 3000-3500 में तैयार
दस्तावेज जमा करने से लेकर स्लॉट बुकिंग तक सब कुछ एजेंट के जिम्मे
ऑन लाइन प्रक्रिया आसान
परिवहन विभाग ने वाहन चालकों के लिए अधिकांश सेवाएं फेसलेस कर दी हैं। आवेदक घर बैठे लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और टैक्स से जुड़ी कई सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं, ऑन लाइन प्रक्रिया आसान है, लोग कठिन समझते हैं, इसलिए एजेंटों का सहारा लेते हैं।
विक्रमजीत सिंह कंग, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ग्वालियर
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
12 Dec 2025 05:46 pm


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