AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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ग्वालियर. कभी लगता था कि टेनिस रैकेट शायद फिर हाथ में न उठा पाऊं, कंधे में गहरी चोट, डॉक्टरों की सख्त मनाही और ऑपरेशन के बाद डली प्लेट ने मानो सपनों पर विराम लगा दिया था। लेकिन हिम्मत हारना मंजूर नहीं था। यही जज्बा आज 17 वर्षीय अर्जुन राठी को फिर सुर्खियों में लाया है। जूनियर सर्किट टेनिस में खिताबी जीत दर्ज कर अर्जुन ने साबित कर दिया कि अगर दिल में आग हो तो चोट भी राह नहीं रोक सकती। अर्जुन यूएस ओपन बॉयज सिंगल्स क्वालीफाइंग में भाग ले चुके हैं। ग्वालियर में खेले जा रहे आईटीएफ टेनिस टूर्नामेंट भाग लेने आए अर्जुन पत्रिका से विशषे बातचीत ने बताया, मुझे फरवरी में चोट लगी थी। करीब छह महीने तक पूरी तरह कोर्ट से दूर रहा।
उसके बाद दो महीने लगातार रिहैब किया। कुल मिलाकर नौ महीने बीत गए और कई बार लगा कि वापसी शायद मुमकिन ही नहीं होगी। लेकिन मेहनत जारी रखी और पिछले दो महीनों से फिर से सर्किट पर हूँ। वापसी भी ऐसी कि सब देख कर दंग रह जाएं। अर्जुन ने नैरोबी में कुछ टूर्नामेंट खेले और वहां एक खिताब भी जीता। उसके बाद भारत में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। अर्जुन कहते हैं, अब मैं अपनी फॉर्म में वापस आ चुका हूं, इसलिए दबाव नहीं महसूस होता। हर मैच के साथ आत्मविश्वास बढ़ रहा है।" 17 की उम्र में अर्जुन ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उन्हें कई खिलाड़ी 14 साल की उम्र में पाते हैं। वह खुद इसे अपनी सबसे बड़ी कामयाबी मानते हैं।
वहीं जूनियर ग्रैंड स्लैम खेलना उनके जीवन का सबसे यादगार अनुभव रहा। अर्जुन कहते हैं, अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ खेलना और वहां की विश्वस्तरीय सुविधाएं देखना मेरे लिए सीखने का बड़ा मौका था। अर्जुन की वर्तमान आईटीएफ रैंकिंग 1008 है, जिसे जल्द ही 1000 के अंदर लाना उनका लक्ष्य है। पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन बनाते हुए वे रोजाना 4 से 5 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। उनका प्रेरणास्रोत विश्व नंबर-1 नोवाक जोकोविच हैं, उनकी खेल शैली, फिटनेस और मजबूत मानसिकता मुझे बहुत प्रेरित करती है। लगातार बढ़ते प्रदर्शन और जीत ने फिर साबित कर दिया है कि चोट भले शरीर को रोक दे, लेकिन जज्बा हो तो खिलाड़ी हर बार और मजबूत होकर लौटता है। अर्जुन राठी की कहानी प्रेरणा देती है, गिरने के बाद उठना ही असली जीत है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
08 Dec 2025 09:31 pm
Published on:
08 Dec 2025 09:07 pm


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