AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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झंासी मंडल का दूसरा बड़ा स्टेशन ग्वालियर है। जहां प्रतिदिन करीब 65 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। वहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर लापरवाही आ रही है। स्टेशन परिसर में लगभग डेढ साल से जीआरपी के 33 सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हुए है। जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इन बंद कैमरों के कारण किसी भी घटना के बाद फुटेज तक नहीं मिल पाते है। जिससे महीनों तक उस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। जबकि रेलवे स्टेशन जैसे संवेदनशील और भीड़ भाड़ वाले इलाके में सीसीटीवी निगरानी काफी जरूरी है। स्टेशन परिसर में चोरी, झपटमारी, गुमशुदगी या संदिग्ध गतिविधियों के मामले जीआरपी के पास ही आते है। रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते इन कैमरों को हटा दिया गया है।
इंटरसिटी में चोरी का नहीं लगा सुराग
ग्वालियर से इंदौर की तरफ जाने वाली इंटरसिटी में 20 नवंबर को एक महिला यात्री के ट्रेन में चढ़ते समय बैग से आभूषणों का डिब्बों गायब हो गया। महिला यात्री के पर्स में से किसी ने इस डिब्बे को निकाल लिया। इस मामले में जीआरपी नैरोगेज ने कुछ लोगों से पूछताछ की। लेकिन फुटेज नहीं मिलने से अभी तक चोर पकड़ में नहीं आ पाए है। इसी तरह की अन्य घटनाएं भी हो चुकी है। लेकिन फुटेज के चक्कर में जांच पूरी नहीं हो पाई है। इससे पीडि़त आज भी थानों के चक्कर काट रहा है।
अपराधियों के हौसले बुलंद
रेलवे स्टेशन पर लगातार कैमरे नहीं होने से अपराधियों के हौसले भी बुलंद है। यहां सबसे ज्यादा प्लेटफार्म एक पर परेशानी है। जबकि सबसे ज्यादा यात्रियों की भीड़ भी इसी प्लेटफार्म पर रहती है। ऐसे में अपराधी भी इसी प्लेटफॉर्म पर ज्यादा निशाना किसी भी घटना को लेकर बनाते है।
सबसे अच्छे जीआरपी के कैमरे वहीं बंद
रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी के कैमरे लगे हुए है। इसमें सबसे अच्छी क्वालिटी के कैमरे जीआरपी के ही है। यहीं कैमरें बंद पड़े हुए है। उसके बाद सबसे खराब क्वालिटी के कैमरे के है। इन कैमरों में पास के लोग ही नहीं दिखते है। वहीं आरपीएफ के कैमरें प्लेटफॉर्म चार पर सबसे ज्यादा है।
इनका कहना है
एजीएम से कर चुके है शिकायत
कैमरें न होने की शिकायत अभी हाल ही में एजीएम के निरीक्षण के दौरान की थी। लेकिन कैमरे न होने से कई बार मामले नहीं सुलझ पाते है। ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर रेलवे के कई अधिकारियों को अवगत कराया गया है। लेकिन कुछ नहीं हुआ है।
अधिकारियों को है जानकारी
जीआरपी के कैमरे लगभग डेढ साल से बंद है। इसकी जानकारी रेलवे के अधिकारियों को भी है। इन कैमरों के बंद होने से कई बार हमारी जांचे भी प्रभावित होती है। ऐसे में काफी परेशानी आ रही है। इसके लिए स्टेशन निर्माण कर रही कंपनी से भी अब बात करेंगे।
जितेंद्र सिंह चंदेलिया, टीआई जीआरपी
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Published on:
29 Dec 2025 12:31 pm


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