AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में आवास आवंटन में भेदभाव किया जा रहा है। विवि परिसर में करीब 20 आवास खाली होने के बावजूद कई तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वर्षों से आवास के लिए भटक रहे हैं। वहीं अफसरों ने मनमानी करते हुए अपने चहेते कर्मचारियों को आवास दे दिए हैं। आवास न मिलने से कई कर्मचारी किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं, तो कुछ डबरा से अप-डाउन कर रहे हैं।
कई बार दिए आवेदन
कर्मचारियों ने कहा कि वे कुलगुरु और कुलसचिव को कई बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अब वे शासन स्तर पर शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।
अफसरों के घरों पर लाखों खर्च, कर्मचारियों के आवास बदहाल
कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि विवि प्रशासन कुलपति, कुलसचिव, प्रोफेसर्स और वार्डन हाउस की सफाई व मेंटेनेंस पर हर साल लाखों रुपए खर्च करता है। लेकिन तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आवासों की हालत बेहद खराब है। कर्मचारियों के आवास में जगह-जगह गंदगी व कचरे के ढेर लगे हुए हैं और कई आवास खाली पड़े हुए हैं। कई आवासों की वर्षों से मरम्मत नहीं होने और नियमित सफाई न होने से वह खंडहर की स्थिति में हैं। यदि खाली पड़े आवासों की मरम्मत और सफाई करा दी जाए तो अधिकांश कर्मचारी तुरंत शिफ्ट होने को तैयार हैं।
2018 में शुरू हुआ अनुचित आवंटन का सिलसिला
कर्मचारियों के अनुसार वर्ष- 2018 में नए आवासों का आवंटन किया गया था। उस दौरान भी जिम्मेदार अधिकारियों ने पात्रता की अनदेखी कर अपने करीबियों को प्राथमिकता दी। जरूरतमंद कर्मचारी आवास के लिए आवेदन करते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कर्मचारियों का आरोप है कि हाल ही में दो आवास गुपचुप तरीके से चुनिंदा लोगों को दे दिए गए है, जबकि बाकी कर्मचारियों को दस्तावेज अधूरे, लास्ट अपडेट नहीं जैसे बहाने बनाकर टरका दिया जाता है।
ये है आवासों की स्थिति
कुलपति 01
कुलसचिव 01
प्रोफेसर्स 04
रीडर्स 08
ई-टाईप 04
एफ-टाईप 08
एल-टाईप 08
एचआईजी 06
वार्डन हाउस 03
तृतीय श्रेणी 58
चतुर्थ श्रेणी 70
कुल आवास 171
इनका कहना है
पांच महीने पहले आवास के लिए आवेदन व किरायानामा सहित सभी दस्तावेज ले लिए गए हैं, लेकिन सीनियरिटी लिस्ट के नाम पर टरका दिया है। मैं 2018 से आवास के लिए लगातार चक्कर काट रहा हूं,लेकिन आवास नहीं मिला।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
13 Dec 2025 05:48 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।