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शहर में बदलेगा सफाई का सिस्टम, 15 करोड़ की प्लानिंग से होगी स्वच्छता में बड़ी छलांग

शहर की बिगड़ती सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम ने अब तक की सबसे बड़ी स्वच्छता योजना पर काम शुरू कर दिया है।

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शहर की बिगड़ती सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम ने अब तक की सबसे बड़ी स्वच्छता योजना पर काम शुरू कर दिया है।
शहर की बिगड़ती सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम ने अब तक की सबसे बड़ी स्वच्छता योजना पर काम शुरू कर दिया है।

शहर की बिगड़ती सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम ने अब तक की सबसे बड़ी स्वच्छता योजना पर काम शुरू कर दिया है। इंदौर मॉडल का निरीक्षण कर लौटे अपर आयुक्त टी प्रतीक राव, उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता सहित अन्य अफसरों ने शहर को साफ-स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने के लिए ठोस प्लानिंग शुरू कर दी है। इस योजना के तहत करीब 15 करोड़ रुपए सिर्फ सफाई व्यवस्था को मजबूत करने पर खर्च किए जाएंगे।

1000 कर्मचारी, 500 वाहन, 500 एनजीओ कर्मी
नई व्यवस्था के अनुसार शहर में 1000 सफाई कर्मचारी रखे जाएंगे,अभी 2800 कर्मचारी है। जबकि 600 वाहन,अभी 240 डोर टू डोर वाहन है और एनजीओ के 500 प्रशिक्षित कर्मी मैदान में उतारे जाएंगे,अभी सिर्फ 50 है। इन सभी की जिम्मेदारी तय होगी और रोजाना की मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि सफाई सिर्फ कागजों तक सीमित न रहे।
इंदौर से सीखा "ग्राउंड लेवल कंट्रोल"
इंदौर में निरीक्षण के दौरान अफसरों ने देखा कि वहां डोर-टू-डोर कलेक्शन, टाइम-बाउंड ट्रांसपोर्टेशन और सख्त निगरानी से सफाई सिस्टम को मजबूत किया गया है। उसी तर्ज पर ग्वालियर में भी वार्ड-स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी। लापरवाही पर कार्रवाई और अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहन देने की तैयारी है।

इन प्रोजेक्ट्स पर होगी खास कसावट
नई प्लानिंग में सिर्फ झाड़ू-गाड़ी ही नहीं, बल्कि पूरे वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा लैंडफिल साइट का वैज्ञानिक प्रबंधन, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहनों की ट्रैकिंग, सीएंडडी (निर्माण एवं विध्वंस कचरा का अलग निपटान, सीबीजी प्लांट की क्षमता और संचालन में सुधार सेकेंडरी स्टोरेज पॉइंट्स पर गंदगी खत्म करने की रणनीति
गंदगी पर नहीं, सिस्टम पर वार
निगम अफसरों का मानना है कि अब तक टुकड़ों में कार्रवाई होने से हालात नहीं सुधरे। इसलिए इस बार पूरे सिस्टम को एक साथ दुरुस्त करने का फैसला लिया गया है। सफाई कर्मचारियों से लेकर वाहन संचालन और कचरा निस्तारण तक एक कमांड सिस्टम लागू होगा।

शहर की सूरत बदलने का दावा
अगर यह योजना जमीन पर उतरी तो आने वाले महीनों में सडक़ों पर बिखरा कचरा कम होगा। लैंडफिल साइट पर दबाव घटेगा, नागरिकों को समय पर कचरा उठाने की सुविधा मिलेगी, निगम की यह 15 करोड़ की स्वच्छता प्लानिंग ग्वालियर को इंदौर की राह पर ले जाएगी।
छह वार्ड में माईक्रो प्लानिंग
निगम ने अभी वार्ड 13, 23, 33, 42, 43 व 50 में माईक्रो प्लानिंग की है। इसमें रूट चार्ट, बीट चार्ट व सख्त मॉनिटरिंग के साथ ही कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी वार्ड 13 में नए सिरे से प्लान भी डिजाइन किया जा रहा है।

हमने छह वार्डों में माईक्रो प्लानिंग शुरू कर दी है। रूट चार्ट व बीट चार्ट को भी चेक कर रहे है। एनकैप के फंड से करीब 50 नए डोर टू डोर वाहन भी खरीदे जाएंगे। कर्मचारी बढ़ाने के साथ ही शहर को स्वच्छता के मामले में बेहतर बनाने की प्लानिंग बनाई जा रही है।
टी प्रतीक राव, अपर आयुक्त नगर निगम

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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