Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

सुपर स्पेशियलिटी में 6 माह से सुविधाएं बदहाल, लिफ्ट बंद, फॉल्स सीलिंग टूटी; मरीज और परिजन परेशान

जीआरएमसी के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पिछले छह महीनों से बुनियादी सुविधाएं ठप पड़ी हैं। अस्पताल में मौजूद पांच लिफ्टों में से अधिकांश लंबे समय से बंद हैं, जबकि लगभग सभी विभागों में फॉल्स सीलिंग टूटकर गिर चुकी हैं...

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
सुपर स्पेशियलिटी में 6 माह से सुविधाएं बदहाल, लिफ्ट बंद, फॉल्स सीलिंग टूटी; मरीज और परिजन रोज हो रहे परेशान
सुपर स्पेशियलिटी में 6 माह से सुविधाएं बदहाल, लिफ्ट बंद, फॉल्स सीलिंग टूटी; मरीज और परिजन रोज हो रहे परेशान

ग्वालियर. जीआरएमसी के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पिछले छह महीनों से बुनियादी सुविधाएं ठप पड़ी हैं। अस्पताल में मौजूद पांच लिफ्टों में से अधिकांश लंबे समय से बंद हैं, जबकि लगभग सभी विभागों में फॉल्स सीलिंग टूटकर गिर चुकी हैं। इससे मरीजों और उनके परिजनों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल से ऊपर ओपीडी, भर्ती वार्ड, ऑपरेशन थिएटर और कैंटीन जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं स्थित हैं। लिफ्ट बंद होने के कारण मरीजों और परिजनों को छह मंजिल तक सीढिय़ों से ही आना-जाना पड़ रहा है। बुजुर्ग, गंभीर मरीज, दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल बनी हुई है।

इलाज के साथ जद्दोजहद
अस्पताल आने वाले मरीजों का कहना है कि इलाज कराना ही चुनौती नहीं, बल्कि अस्पताल के भीतर आवाजाही भी किसी परीक्षा से कम नहीं है। कई मरीज व्हीलचेयर या स्ट्रेचर पर होते हैं, जिन्हें परिजनों को सीढिय़ों से ऊपर ले जाना पड़ता है। इससे न केवल शारीरिक थकान बढ़ रही है, बल्कि मरीजों की हालत बिगडऩे का भी खतरा बना रहता है।


जिम्मेदारों को है पूरी जानकारी
अस्पताल की लिफ्ट और फॉल्स सीङ्क्षलग की खराब स्थिति की जानकारी डीन से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारियों को है। डीन द्वारा कई बार निरीक्षण के दौरान इन्हें जल्द ठीक कराने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर अब तक कोई सुधार नहीं हो सका है। छह महीने बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं।


फॉल्स सीलिंगसे बढ़ा खतरा
अस्पताल के कई विभागों में फॉल्स सीङ्क्षलग टूटने से मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, लिफ्ट और फॉल्स सीङ्क्षलग की मरम्मत का कार्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा किया जाना है। जीआरएमसी के प्रवक्ता डॉ. मनीष चतुर्वेदी ने बताया कि इस संबंध में भोपाल स्तर पर पत्राचार किया जा चुका है। लिफ्ट और फॉल्स सीङ्क्षलग के सुधार के लिए पीडब्ल्यूडी को एस्टीमेट बनाकर टेंडर निकालना है।
प्रक्रिया पूरी होते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar