AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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ग्वालियर. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसा प्रधानमंत्री हमें आज तक नहीं मिला है। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए बहुत कार्य किया था। इसके साथ ही दुनिया में ईमानदारी और सादगी की मिसाल पेश की थी। शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। इस नारे का सम्मान करते हुए कायस्थ समाज हर साल उनकी जयंती के अवसर पर जवानों और किसानों का सम्मान करता रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को जवान और किसानों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस राकेश सक्सेना थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.बीआर श्रीवास्तव, जीपी भटनागर, अशोक निगम मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर राकेश रायजादा ने की। जस्टिस सक्सेना ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जवान देश की और हमारी रक्षा करते हैं जबकि किसान हमें खाने के लिए अनाज पैदा करते हैं। इसलिए जवान जहां शौर्य का प्रतीक है वहीं किसान समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। डॉ.बीआर श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ समाज की बुद्धिमत्ता का लोहा दुनिया मानती है। जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अपनी सूझबूझ और ईमानदारी से देश का सीना हमेशा चौड़ा रखा। इस अवसर पर केपी श्रीवास्तव, डॉक्टर अंजलि रायजादा, डॉक्टर हेमलता सक्सेना, डॉ रितेश सक्सेना, डॉ उदय श्रीवास्तव, देव शरण श्रीवास्तव , रवि श्रीवास्तव, अनिल सक्सेना सहित सैकड़ों कायस्थजन मोजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.धर्मेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने और आभार प्रदर्शन अशोक निगम ने किया।
इनका हुआ सम्मान
शिव सिंह चंदेल, हितेंद्र यादव, अनिल सक्सेना, अजेंद्र सिंह भदौरिया, चरण सिंगह राणा, ब्रजेश शर्मा, अशोक कौरव, धर्मेंद् सिंह तोमर सहित 25 लोग सम्मानित किए गए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
03 Oct 2023 11:30 pm


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