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एथेनोल फैक्टरी आंदोलन की आग शांत होने के बाद आज दोपहर बाद तक क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बहाल होने की उम्मीद

-टिब्बी के एथोनोल फैक्टरी का विरोध, कलक्ट्रेट सभागार में फैक्टरी हटाओ-क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति पदाधिकारियों की हुई वार्ता

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हनुमानगढ़: कलक्ट्रेट सभागार में वार्ता में शामिल संघर्ष समिति के पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी।
हनुमानगढ़: कलक्ट्रेट सभागार में वार्ता में शामिल संघर्ष समिति के पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी।

हनुमानगढ़. टिब्बी के राठीखेड़ा में निर्माणाधीन इथेनॉल फैक्टरी मामले में आंदोलन की आग एक बार शांत हो गई है। दोनों पक्षों में फैक्टरी निर्माण कार्य रोकने को लेकर आंशिक सहमति बनने के बाद शनिवार को क्षेत्र में शांति का माहौल रहा। बताया जा रहा है कि आंदोलन की गति मंद होने की वजह से सरकार टिब्बी क्षेत्र में पांच दिन बाद शनिवार दोपहर बाद तक इंटरनेट सेवा बहाल कर सकती है। हनुमानगढ़ के अतिरिक्त जिला कलक्टर उम्मेदीलाल मीणा ने बताया कि टिब्बी में इंटरनेट सेवा बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। दोपहर बाद तक सेवा बहाल होने की उम्मीद है। इससे पहले शुक्रवार देर शाम को कलक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन व फैक्टरी हटाओ-क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति पदाधिकारियों की वार्ता शुरू हुई। इसमें सीएम का प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद रहा। बंद कमरे में हुई वार्ता के क्या नतीजे निकले, इसकी असलियत बताने से सभी परहेज करते नजर आए। वार्ता जैसे ही शुरू हुई, मीडिया को अंदर जाने से रोक दिया गया। इस वजह से बंद कमरे में दोनों पक्षों में किन-किन मुद्दों पर सहमति बनी, इसे लेकर सही स्थिति साफ नहीं हो सकी। माकपा नेता जगजीत सिंह जग्गी ने मीडिया के साथ कुछ जानकारी जरूर साझा की। उन्होंने बताया कि हमने फैक्टरी को बंद करने की मांग रखी। इस पर जिला प्रशासन ने अस्थाई तौर पर फैक्टरी बंद करने का आश्वासन दिया। इस संबंध में जिला प्रशासन से जब लिखित में सहमति पत्र मांगा गया तो अफसरों ने इससे इनकार किया। जग्गी ने बताया कि वार्ता के लिए बुलाकर जिला प्रशासन ने जो कदम आगे बढ़ाया है, हम उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति की मांगों को सरकार तक पहुंचाने में कलक्टर नाकाम रहे हैं।

दस दिसम्बर को टिब्बी महापंचायत में कलक्टर ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया, इसलिए देर शाम को युवा आक्रोशित हो गए। जग्गी ने आरोप लगाया कि महापंचायत के बाद ग्रामीणों ने आगजनी नहीं की। आंदोलन को कुचलने के लिए रणनीति के तहत कंपनी की ओर से वाहनों में आग लगाने का काम किया गया। जग्गी ने एडीजी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। जग्गी ने बताया कि वार्ता में इस बात का आश्वासन दिया गया है कि जो भी मामले दर्ज किए गए हैं, उसमें आगामी आदेश तक कार्रवाई को स्थगित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति की ओर से एक सूत्रीय मांग पत्र, फैक्टरी को बंद करने की मांग की जा रही है। जब तक इस पर ठोस आश्वासन नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा। जग्गी ने कहा कि इस बारे में लिखित आश्वासन देने के लिए प्रशासन ने थोड़ा वक्त मांगा है। हमें प्रशासन के अगले कदम का इंतजार है। जग्गी ने बताया कि हमारा टिब्बी में चल रहा आंदोलन जारी रहेगा। 17 दिसम्बर को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कलक्ट्रेट घेरने के आंदोलन को समर्थन देने की बात कही। इससे पहले लोकसभा में मामला उठने के बाद शुक्रवार को राज्य सरकार भी दबाव में नजर आई।

देर शाम को सीएम के प्रतिनिधि मंडल ने संघर्ष समिति को वार्ता का न्यौता दिया। इसमें भाजपा नेताओं के साथ प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे। सादुलशहर विधायक गुरवीर बराड़, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू, विजेंद्र पूनियां, पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, देवेंद्र पारीक, पीलीबंगा के पूर्व विधायक धर्मेंद्र मोची, संगरिया के पूर्व विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी, पूर्व उप जिला प्रमुख शबनम गोदारा, संघर्ष समिति के रबजोत सिंह, जगजीत सिंह जग्गी, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, एडीजी वीके सिंह, आईजी हेमंत शर्मा, कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, एसपी हरिशंकर आदि वार्ता में मौजूद रहे। शाम करीब छह बजे शुरू हुई वार्ता करीब दो घंटे तक चली। लेकिन किसी ठोस नतीजे के बिना संपन्न हुई।

पूर्व विधायक गुरदीप शाहपीनी सहित अन्य ने कलक्टर को सौंपा मांग पत्र, बोले, एफआईआर में मेरा नाम नहीं
ग्राम राठीखेड़ा तहसील टिब्बी में एथेनॉल प्लांट के विरोध में बनी संघर्ष समिति के 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ कलक्ट्रेट सभागार में शाम छह बजे पुलिस व प्रशासन के साथ हुई वार्ता को लेकर पीआरओ ने रात करीब आठ बजे प्रेसनोट जारी किया। इसमें वार्ता का विवरण देते हुए कुछ जानकारी साझा की गई। इसके अनुसार यह सहमति बनी कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा संलग्न ज्ञापन में एथेनॉल प्लांट के सम्बन्ध में उठाई गई आशंकाओं/ चिंताओं के संबंध में उच्च-स्तरीय विस्तृत जांच करवाई जाएगी। इसके बाद संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा की जाएगी। ड्यून एथेनोल प्लांट के अधिकारियों ने भी आश्वस्त किया है कि चर्चा उपरांत समाधान निकलने तक वे कार्य नहीं करेंगे। वार्ता विवरण को लेकर जारी पत्र पर संघर्ष समिति के साथ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के हस्ताक्षर भी थे। इस दौरान संघर्ष समिति ने दोबारा समिति की राय से तैयार किया मांगपत्र कलक्टर को सौंपा। सादुलशहर विधायक गुरवीर बराड़, संगरिया के पूर्व विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी आदि मौजूद रहे। इस मौके पर संगरिया के पूर्व विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी ने बताया कि टिब्बी में फैक्टरी को लेकर जो आंदोलन हो रहा है, उसे लेकर शुक्रवार शाम को कलक्ट्रेट सभागार में वार्ता हुई। इसमें दोनों पक्षों की ओर से सकारात्मक कदम बढ़ाते हुए एक बार कुछ मांगों पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि फैक्टरी आंदोलन में जो मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें मेरा नाम नहीं है। भूलवश मीडिया में मेरा नाम बताया गया है। संगरिया के पूर्व विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी ने बताया कि फैक्टरी मामले की वस्तुस्थिति से सरकार को अवगत करवा रहे हैं।

राजनीतिक समीकरणों की वजह से आग बुझाने का प्रयास
टिब्बी में एथेनोल फैक्टरी के मामले में अभी तक कुछ भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। कलक्ट्रेट में करीब दो घंटे तक चली वार्ता में भी फैक्टरी संचालन या इसके बंद होने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। बताया जा रहा है कि आगे पंचायतीराज तथा निकाय चुनाव होने वाले हैं। इसलिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को इस मामले में दखलंदाजी करनी पड़ी। प्रदूषण फैलने का आरोप लगाकर आसपास के ग्रामीण इथेनोल फैक्टरी लगाने का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों की आशंका को लेकर सरकार के पास किसी तरह का ठोस जवाब नहीं है। आने वाले दिनों में चुनावों में राजनीति समीकरणों को भांपकर राज्य सरकार ने इथेनोल फैक्टरी आंदोलन की आग को एक बार बुझाने का प्रयास किया है। आगे यह फैक्टरी चलेगी या फिर इसका निर्माण स्थाई तौर पर रोक दिया जाएगा, यह भविष्य की गर्त में है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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