Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

Brain Tumour Symptoms: एग्जाम स्ट्रेस को हल्के में ना लें, हो सकता है ब्रेन ट्यूमर खतरा! डॉक्टर ने समझाया क्रॉनिक डिजीज का कनेक्शन

Brain Tumour Symptoms: एक किशोरी की कहानी, जिसके लक्षणों को परीक्षा का तनाव समझकर टाल दिया गया, लेकिन असल में वह ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही थी। डॉक्टर बता रही हैं कि कैसे लंबे समय का स्ट्रेस शरीर में सूजन बढ़ाकर क्रॉनिक बीमारियों को जन्म देता है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Brain Tumour Symptoms
Brain Tumour Symptoms (Photo- freepik)

Brain Tumour Symptoms: 19 साल की उम्र में जिंदगी आमतौर पर एग्जाम, करियर प्लान और छोटे-मोटे तनावों के इर्द-गिर्द घूमती है। न्यूकैसल की एक 19 साल की लड़की के साथ भी कुछ ऐसा ही था। एग्जाम के दौरान उसे अजीब-अजीब लक्षण दिखने लगे, पेपर पर रंग नजर आना, चक्कर, सीधा चलने में दिक्कत, एक तरफ झुक जाना और पीठ दर्द। वह कई बार GP के पास गई, लेकिन हर बार यही कहा गया कि यह एग्जाम स्ट्रेस है। विटामिन लेने और आराम करने की सलाह दी गई। लेकिन लक्षण कम होने की बजाय बढ़ते गए।

अचानक गिरना और बदल गई जिंदगी

जून 2022 में वह अपनी मां के साथ एक रूटीन डॉक्टर अपॉइंटमेंट पर गई थी। वहीं टॉयलेट में वह अचानक बेहोश हो गई।अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों को समझ आ गया कि मामला गंभीर है। जांच में सामने आया कि लड़की को हाइड्रोसेफेलस है, एक ऐसी स्थिति जिसमें दिमाग में ज्यादा फ्लूइड जमा हो जाता है और ब्रेन पर प्रेशर बढ़ जाता है। MRI और CT स्कैन से असली वजह सामने आई। ब्रेन ट्यूमर, जो फ्लूइड के नॉर्मल फ्लो को रोक रहा था। यह ट्यूमर चुपचाप बढ़ रहा था और इसके लक्षणों को स्ट्रेस समझकर नजरअंदाज किया जा रहा था।

क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर के सेल्स तक को करता है प्रभावित

यह कहानी सिर्फ एक ब्रेन ट्यूमर की नहीं, बल्कि इस बात की चेतावनी है कि लगातार बना रहने वाला स्ट्रेस कैसे शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ाकर गंभीर बीमारियों का रास्ता बना सकता है। डॉ. आरती के अनुसार, बीमारियां कभी अकेले नहीं आतीं, इनके पीछे कई कारण होते हैं। विषाक्त पदार्थ (Toxins), आंत का माइक्रोबायोम, आनुवंशिकता (Genetics), खान-पान और जीवनशैली, ये सब मिलकर बीमारियों की नींव रखते हैं। लेकिन इनमें सबसे चुपके से वार करने वाला है, तनाव! तनाव बीमारी को और बिगाड़ देता है! इसलिए इलाज के साथ-साथ मन की शांति भी जरूरी है। जब तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो शरीर में (Inflammation) बढ़ने लगती है।

डॉ. आरती बताती हैं कि क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर के सेल्स तक को प्रभावित करता है। यह ब्लड फ्लो, नर्व फंक्शन और हार्मोन बैलेंस बिगाड़ सकता है। जब ऐसे संकेतों को बार-बार नजरअंदाज किया जाता है, तो बीमारी “साइलेंट” रहते हुए गंभीर रूप ले लेती है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar