AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Dava Kaise Khayen: कोई भी बीमारी के लिए उसका इलाज करना बहुत जरूरी है। इससे भी ज्यादा जरूरी है समय पर उस बीमारी का पता चलना और इसके लिए आजकल आम लोग डॉक्टर से भी ज्यादा जागरूक बन रहे हैं। अब वे सही समय पर अस्पताल तो पहुंच जाते हैं जिससे समय रहते बीमारी का इलाज हो सके। अब फिर कमी कहां रह जाती है कि जब बीमारी के इलाज होने के समय के दौरान हम डॉक्टर से इलाज भी लेते हैं फिर भी काफी बार बीमारी बढ़ती ही जाती है।
कई स्थितियों में तो दवाई लेते हुए भी बीमारी कम होने के बजाय उल्टा बढ़ जाती है। अब हम सब बस यही सोचते रहते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है। असल में होता यह है कि हम दवाई तो लेते हैं लेकिन दवाई को उसे लेने के तरीके से नहीं लेते। अब आप कहेंगे कि डॉक्टर ने जैसे बताया वैसे ही तो दवाई लेते हैं ना फिर भी यह बात कहां से आई कि दवाई सही तरीके से नहीं ली। आइए डॉ. आदित्य सोनी से जानते हैं कि डॉक्टर के बताने के बाद भी हम दवाई लेने में कहां गलती करते हैं या दवाई लेते समय कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
1. खाली पेट वाली दवा- सुबह खाली पेट जो दवाई हमें लेनी होती है, हम उससे पहले चाय या कुछ हल्का खा लेते हैं और सोचते हैं कि बस इतना सा ही तो खाया है। चाहे कम खाओ या भरपेट, उस दवाई का असर तो खाली पेट ही होता है जब हमारा इंटेस्टाइन लंबे समय से बन रहे एसिड से भरा होता है। जब आप कुछ खा लेते हैं तो उसके असर में कमी आ जाती है और दवा कम काम करती है।
2. चाय के साथ सेवन- हमारा जब दवाई लेने का समय होता है उस समय अगर हम चाय या कुछ अन्य पेय पी रहे होते हैं तो उसके साथ ही दवाई ले लेते हैं। हम यह सोचते हैं कि दवाई लेनी है चाहे कैसे भी लो। लेकिन असल में हम ऐसा करके एक नई बीमारी को न्यौता दे रहे होते हैं।
3. बिना पानी के निगलना- हम में से काफी लोग अपने आप को ज्यादा महान दिखाने के लिए बिना पानी के ही सीधी दवाई लेते हैं। जब हम बिना पानी के दवाई लेते हैं तो हम अपने ही शरीर को नुकसान पहुंचा रहे होते हैं क्योंकि जब हम बिना पानी के सीधा दवा को ले लेंगे तो उसका प्रभाव कम-ज्यादा हो सकता है।
4. तरीका बदलना- हर दवा अपने आप में अलग होती है। उसकी प्रकृति अलग होती है और लेने का तरीका और प्रभाव सब अलग-अलग होता है। अब डॉक्टर ने कहा कि दवा को चबाना है और हमने उसको पानी के साथ ले लिया या डॉक्टर ने कहा कि इसको जीभ के नीचे रखना है या चूसना है लेकिन हमने उसको भी पानी के साथ ले लिया। ऐसे में वह दवा उतना असर करेगी ही नहीं जितना उसे करना चाहिए।
5. समय पर दवाई नहीं लेना- काफी बार हम लोग क्या करते हैं कि जो दवाई हमें सुबह लेनी चाहिए वह हम भूल जाते हैं। फिर शाम को वह दवाई ले लेते हैं कि दवाई ही तो लेनी थी। अब चाहे सुबह लो या शाम को, ऐसा सोचकर हम बस दवाई ले लेते हैं उसके नुकसान तो ध्यान में ही नहीं रखते हैं।
6. डबल डोज लेना- हमें सुबह कोई दवाई लेनी थी जो हम भूल गए, तो हम अगली बार जब वह दवाई लेनी हो तब उसको दो बार ले लेते हैं। ऐसा करना जानबूझकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारने जैसा है। अगर आप कभी दवा भूल जाते हैं तो अगली बार उसकी डबल डोज लेने की गलती कभी भी न करें।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
22 Dec 2025 03:24 pm


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