AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Depression and Heart Disease: अक्सर हम डिप्रेशन को सिर्फ मन से जुड़ी परेशानी मानते हैं। उदासी, हर समय थकान महसूस होना, किसी काम में मन न लगना, यही इसके आम लक्षण माने जाते हैं। लेकिन हाल ही में एक बड़ी स्टडी ने यह साफ कर दिया है कि डिप्रेशन का असर सिर्फ दिमाग तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह दिल की सेहत को भी चुपचाप नुकसान पहुंचा सकता है।
Circulation Cardiovascular Imaging नाम की मेडिकल जर्नल में छपी इस रिसर्च के मुताबिक, डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में समय के साथ हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, भले ही बाहर से वे पूरी तरह स्वस्थ दिखें।
इस स्टडी में 85,000 से ज्यादा वयस्कों के डेटा का लंबे समय तक विश्लेषण किया गया। नतीजों में पाया गया कि जिन लोगों को डिप्रेशन था, उनमें दिल से जुड़ी गंभीर समस्याएं होने की संभावना ज्यादा थी। जो लोग डिप्रेशन के साथ-साथ एंग्जायटी से भी जूझ रहे थे, उनमें यह खतरा और बढ़ा हुआ नजर आया। डॉक्टरों के मुताबिक, लगातार बना रहने वाला मानसिक तनाव शरीर को अंदर से थका देता है।
इस रिसर्च की खास बात यह रही कि इसमें सिर्फ लाइफस्टाइल नहीं, बल्कि शरीर के अंदर चल रही जैविक प्रक्रियाओं को भी देखा गया। कुछ प्रतिभागियों के ब्रेन स्कैन किए गए, जिनमें दिमाग के उस हिस्से, एमिग्डाला की गतिविधि ज्यादा पाई गई, जो डर और तनाव को कंट्रोल करता है। इसका मतलब यह है कि डिप्रेशन में रहने वाले लोगों का शरीर अक्सर “हमेशा अलर्ट मोड” में रहता है, जैसे कोई खतरा सामने हो।
लगातार तनाव में रहने से ब्लड प्रेशर ऊंचा रहने लगता है। दिल की धड़कन सामान्य होने में ज्यादा समय लगता है। शरीर में सूजन (इंफ्लेमेशन) बढ़ जाती है। अगर यह स्थिति महीनों या सालों तक बनी रहे, तो यह नसों को नुकसान पहुंचा सकती है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। खास बात यह है कि रिसर्चर्स ने स्मोकिंग, डायबिटीज, एक्सरसाइज, पढ़ाई और आमदनी जैसे फैक्टर्स को हटाने के बाद भी पाया कि डिप्रेशन का दिल की बीमारी से सीधा संबंध बना रहा। यानी यह सिर्फ खराब आदतों की वजह से नहीं, बल्कि शरीर के अंदर चल रहे बदलावों से जुड़ा है।
डॉक्टर मानते हैं कि अब डिप्रेशन और एंग्जायटी की जांच को भी उतनी ही गंभीरता से लेना चाहिए, जितना कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर की जांच को। अच्छी खबर यह है कि डिप्रेशन का इलाज सिर्फ मन को बेहतर नहीं करता, बल्कि लंबे समय में दिल को भी सुरक्षित रख सकता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
22 Dec 2025 04:37 pm


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