AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Liyonel Messi Growth Harmone: लियोनल मेसी का भारत में 14 साल बाद दूसरा दौरा 15 दिसंबर 2025 को दिल्ली में समाप्त हुआ। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत के नए फुटबालर्स को प्रेरित करना था। विश्व के प्रसिद्ध फुटबालर लियोनल मेसी, जो पूरे भारत में चर्चा का विषय बने हुए हैं, उनको बचपन में ही ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी (GHD) नामक बीमारी से जूझना पड़ा था। बचपन की बढ़ती उम्र में विकास रुक जाना और फिर विश्व में इतने बड़े स्तर का खिलाड़ी बनना कोई छोटी बात नहीं है। 11 साल की उम्र में उन्हें टीम से इसलिए बाहर होना पड़ा था क्योंकि उनकी हाइट अन्य बच्चों की तुलना में काफी कम थी।
आजकल मां-बाप अपने बच्चे की हाइट को लेकर इतना परेशान रहते हैं और सबसे जरूरी बात यह है कि जो लोग ग्रोथ रुकने को मानसिक कमजोरी मानकर आगे बढ़ने का अवसर नहीं देते, उन्हें लियोनल मेसी की इस कहानी से सबक लेना चाहिए। सफलता सिर्फ दृढ़ निश्चय और मेहनत मांगती है। आइए, डॉ. आदित्य सोनी की पत्रिका के साथ बातचीत में जानते हैं कि क्या है यह ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी और इससे अपने बच्चों को बचाने के लिए बचपन में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में ग्रोथ हार्मोन नहीं बन पाता है, तो शरीर में इसकी कमी हो जाती है और यही स्थिति ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी कहलाती है। ग्रोथ हार्मोन वास्तव में पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलने वाला एक रासायनिक मैसेंजर होता है और इसका मुख्य काम बच्चे के विकास और उसकी वृद्धि में सहायता करना होता है।
इसकी कमी के कारण बच्चे का विकास रुक जाता है और इसी वजह से उसकी हाइट उतनी की उतनी ही रह जाती है। ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी का कोई एक कारण नहीं होता है। काफी लोगों में यह जन्मजात विकृति के रूप में भी सामने आती है।
1. बच्चों का रेगुलर स्वास्थ्य जांच- हमारे शरीर का वास्तविक विकास बचपन से ही शुरू हो जाता है। जो विकृतियां होती हैं, वे उनके विकास में बाधक होती हैं। इसलिए अपने बच्चों का बचपन में नियमित रूप से स्वास्थ्य चेकअप करवाते रहें। अगर समय पर विकास नहीं हो रहा है या कुछ और दिक्कत है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
2. पर्याप्त शारीरिक गतिविधि- आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को मॉडर्न बनाने के चक्कर में उनके हाथ में खेलने की उम्र में मोबाइल फोन और टीवी का रिमोट थमा देते हैं। ऐसे में बच्चे सारा दिन स्क्रीन पर बिताने लगते हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास रुक जाता है और वे GHD जैसी अनेक गंभीर समस्याओं का शिकार बन जाते हैं।
3. संतुलित आहार- आज के इस मॉडर्न युग की अंधाधुंध दौड़ में बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी इस कदर विलुप्त हो गए हैं कि उन्हें अपने बच्चों के स्वास्थ्य से ज्यादा अपने सोशल-इकोनोमिक स्टेटस की फिक्र है, बस। उनके बच्चों को संतुलित और पोषक आहार मिल रहा है या नहीं, इस बात से ज्यादा उन्हें इस बात की फिक्र रहती है कि अगर उनके बच्चों को नए चलन की संस्कृति का ज्ञान नहीं रहा तो समाज में उनका कोई महत्व नहीं रहेगा।
इसी कारण आज के बच्चों में बैलेंस डाइट की जगह जंक फूड ज्यादा पॉपुलर हो रहा है। संतुलित आहार की कमी के कारण ही ग्रोथ हार्मोन ही नहीं, बल्कि बाकी भी कई हार्मोन की कमी बढ़ी है और इसका खामियाजा बच्चों का शरीर भुगत रहा है। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चे के आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
16 Dec 2025 11:06 am


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