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महिलाएं ध्यान दें! कमर की साइज बताएगी अंदर छिपी बीमारी? जानिए कितना होना चाहिए नॉर्मल Waist Size

Waist Size Women Health: महिलाओं में कमर का साइज वजन से ज्यादा सेहत बताता है। जानें कितना नॉर्मल है कमर का नाप और बढ़ने पर कौन-कौन से खतरे होते हैं।

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Waist Size Women Health
Waist Size Women Health (Photo- freepik)

Waist Size Women Health: कमर का साइज सिर्फ कपड़ों या सुंदरता से जुड़ी चीज़ नहीं है। यह आपकी सेहत का एक अहम संकेत है, जिस पर डॉक्टर खास ध्यान देते हैं। पेट के आसपास जमा चर्बी शरीर के दूसरे हिस्सों की चर्बी से अलग तरह से काम करती है। यह ऐसी केमिकल्स छोड़ती है जो दिल, ब्लड शुगर और हार्मोन पर असर डालती हैं। इसलिए कई बार वजन से ज्यादा कमर का नाप यह बताने में मदद करता है कि शरीर अंदर से कितना स्वस्थ है। खासकर महिलाओं में, कमर का साइज यह दिखाता है कि शरीर तनाव, लाइफस्टाइल और उम्र से जुड़े बदलावों को कैसे संभाल रहा है।

महिलाओं के लिए औसत कमर साइज क्या माना जाता है?

अमेरिका और यूरोप की बड़ी रिसर्च के अनुसार, वयस्क महिलाओं की औसत कमर 34 से 37 इंच के बीच होती है। पिछले 30 सालों में यह औसत बढ़ा है, जिसकी वजह कम शारीरिक गतिविधि और प्रोसेस्ड खाना है। लेकिन सेहत के नजरिए से WHO और NIH जैसे संस्थान कहते हैं कि महिलाओं में 35 इंच (88 सेमी) से ज्यादा कमर होना खतरे की घंटी है, चाहे वजन सामान्य ही क्यों न हो।

महिलाओं में पेट की चर्बी अलग क्यों होती है?

कमर के आसपास की चर्बी को विसरल फैट कहते हैं। यह त्वचा के नीचे नहीं, बल्कि लीवर और पैंक्रियाज जैसे अंगों के आसपास जमा होती है। महिलाओं में प्रेग्नेंसी, तनाव और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन में बदलाव आते हैं, जिससे पेट जल्दी बढ़ने लगता है। यही वजह है कि कई बार वजन ज्यादा न बढ़ने पर भी कमर फैलने लगती है।

कमर का साइज और दिल की सेहत

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक लंबी स्टडी में पाया गया कि जिन महिलाओं की कमर 35 इंच से ज्यादा थी, उनमें दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा था, भले ही उनका BMI नॉर्मल हो। इसका मतलब है कि सिर्फ वजन देखकर आप ठीक हैं कहना सही नहीं। कमर का साइज दिल पर पड़ रहे अंदरूनी दबाव और सूजन का संकेत देता है।

हार्मोन और मेटाबॉलिज्म का इशारा

कमर बढ़ना अक्सर हार्मोनल असंतुलन का संकेत होता है। तनाव के समय निकलने वाला हार्मोन कॉर्टिसोल पेट में चर्बी जमा करता है। इसके अलावा, बढ़ती कमर इंसुलिन रेजिस्टेंस, टाइप-2 डायबिटीज और PCOS का शुरुआती संकेत भी हो सकती है। ये बदलाव चुपचाप शुरू होते हैं, बिना साफ लक्षणों के।

उम्र, मेनोपॉज और बदलती कमर

उम्र के साथ कमर का बदलना सामान्य है, लेकिन मेनोपॉज के बाद यह तेजी से बढ़ सकता है। एस्ट्रोजन कम होने पर चर्बी पेट की तरफ जमा होने लगती है। इसीलिए 45 साल के बाद डॉक्टर वजन से ज्यादा कमर के नाप पर ध्यान देते हैं।

डर नहीं, समझ के साथ देखें कमर का नाप

कमर का साइज शर्मिंदगी नहीं, संकेत है। कई महिलाएं लगातार तनाव, कम नींद और जिम्मेदारियों के बोझ में रहती हैं, जिसका असर शरीर पर पड़ता है। हार्वर्ड की रिसर्च बताती है कि खराब नींद और तनाव सीधे कमर बढ़ने से जुड़े हैं। बढ़ती कमर शरीर की मदद की पुकार है, सजा देने की वजह नहीं। समय रहते इसे समझ लिया जाए, तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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