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गर्मी से पहले तैयार होगी चन्नागिरी की सौर क्रांति

गर्मी के मौसम में किसानों की बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए चन्नागिरी तालुक में सौर ऊर्जा उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की कुसुम सी योजना और राज्य सरकार के सहयोग से तालुक के तीन प्रमुख क्षेत्रों नल्लूर, हिरेकोगलूर और सैंटेबेन्नूर में बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। नल्लूर में 20 एकड़ भूमि पर स्थापित 5.8 मेगावाट क्षमता वाला प्लांट पूरी तरह तैयार है और उद्घाटन की प्रतीक्षा में है। हिरेकोगलूर में 26 एकड़ भूमि पर 7.2 मेगावाट उत्पादन वाली इकाई का निर्माण अंतिम चरण में है। वहीं सैंटेबेन्नूर के निकट काकनूर गोमल में 40 एकड़ भूमि पर 12.6 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए स्थल चयन और भूमि पट्टा प्रक्रिया जारी है। कुल मिलाकर 25.6 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

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सौर ऊर्जा उत्पादन
सौर ऊर्जा उत्पादन

गर्मी के मौसम में किसानों की बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए चन्नागिरी तालुक में सौर ऊर्जा उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की कुसुम सी योजना और राज्य सरकार के सहयोग से तालुक के तीन प्रमुख क्षेत्रों नल्लूर, हिरेकोगलूर और सैंटेबेन्नूर में बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। नल्लूर में 20 एकड़ भूमि पर स्थापित 5.8 मेगावाट क्षमता वाला प्लांट पूरी तरह तैयार है और उद्घाटन की प्रतीक्षा में है। हिरेकोगलूर में 26 एकड़ भूमि पर 7.2 मेगावाट उत्पादन वाली इकाई का निर्माण अंतिम चरण में है। वहीं सैंटेबेन्नूर के निकट काकनूर गोमल में 40 एकड़ भूमि पर 12.6 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए स्थल चयन और भूमि पट्टा प्रक्रिया जारी है। कुल मिलाकर 25.6 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

बिजली आपूर्ति में सुधार को प्राथमिकता
स्थानीय विधायक बसवराजू शिवगंगा ने बताया कि किसानों को पंपसेट के लिए निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि रात में थ्री-फेज बिजली की आपूर्ति से कई दुर्घटनाएँ होती थीं, इसलिए किसानों को लगातार सात घंटे दिन में बिजली देने की नई व्यवस्था की जा रही है। विधायक ने कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद से उन्होंने बिजली आपूर्ति में सुधार को प्राथमिकता दी है।

सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे
प्रति मेगावाट तीन एकड़ भूमि की आवश्यकता को देखते हुए अधिकारियों का कहना है कि यदि तालुक के अन्य हिस्सों में भूमि उपलब्ध होती है, तो और सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को इस परियोजना का कार्यादेश दिया गया है। परियोजना पूरी होने पर चन्नागिरी तालुक को न केवल पर्याप्त बिजली मिलेगी, बल्कि किसानों की वर्षों पुरानी बिजली समस्या का हल भी संभव होगा। यह परियोजना आने वाले समय में क्षेत्र को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जा सकती है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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