AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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प्रभाकर मिश्रा@जबलपुर। नर्मदा से तीन सौ मीटर के दायरे में अवैध निर्माण बड़ी समस्या बनते जा रहा है। पूर्व के अवैध निर्माण हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद आज तक नहीं हटाए गए। तट के आसपास सडक़ या पुल का निर्माण होने पर और तेजी से निर्माण शुरू हो जाता है। ग्वारीघाट क्षेत्र में दो साल के दौरान ऐसे कई निर्माण हुए हैं। तिलवाराघाट में प्रतिबंधित सीमा के अंदर निर्माण किया जा रहा है।
एसटीपी प्लांट स्थापित हों
ग्वारीघाट व तिलवाराघाट क्षेत्र में बड़ी संख्या में कॉलोनियां बस रही हैं। इनसे निकलने वाले वाले निस्तार के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी प्लांट स्थापित करने कोई प्लानिंग नहीं की गई। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि नर्मदा के आसपास जहां भी कॉलोनियों के निर्माण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक युक्त एसटीपी प्लांट स्थापित करना भी अनिवार्य किया जाना चाहिए।
नर्मदा तट भेड़ाघाट के सरस्वती घाट में कांक्रीट पुल का निर्माण जल्द शुरू होगा। जल स्तर कम होते ही पियर का निर्माण किया जाएगा।
प्रमोद गोंटिया, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी
विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण आवश्यक है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नर्मदा तट की हरियाली को नुकसान न पहुंचे। तट के आसपास अवैध निर्माण, अवैध उत्खनन न हो, इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
एबी मिश्रा, पर्यावरणविद्
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
16 Oct 2022 10:42 pm


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