AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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प्रभाकर मिश्रा@जबलपुर. हरिशंकर परसाई से लेकर ओशो, महर्षि महेश योगी ने जिस गांधी लाइब्रेरी से ज्ञान अर्जन किया, वह अब डिजिटल भी हो गई है। डिजिटल लाइब्रेरी में 40 हजार से ज्यादा पुस्तकें पोर्टल पर उपलब्ध हैं। पांच हजार से ज्यादा छात्र लाइब्रेरी के इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कर घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की है। लाइब्रेरी में स्मार्ट सिटी के तहत 120 कम्प्यूटर का सेटअप तैयार किया गया है।
सीख सकते हैं विदेशी भाषा
गांधी लाइब्रेरी में लैंग्वेज लैब भी है। यहां छात्र विदेशी भाषाओं के उच्चारण सहित ऑनलाइन मार्गदर्शन में मंडारिन, जापानी, जर्मन, अमेरिकन भाषा भी सीख सकते हैं।
दुर्लभ संकलन भी होगा संरक्षित
गांधी लायब्रेरी में पुराने गजेटियर सहित संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू भाषा के साहित्य का भी संकलन है। यहां दुर्लभ संकलनों को संरक्षित किया जाएगा। फिजिकल लाइब्रेरी में नियमित रूप से 400 से ज्यादा छात्र पढ़ने आते हैं। ऐतिहासिक भवन के संरक्षण का काम जारी होने के कारण सभी नियमित सदस्यों को बैठने के लिए जगह नहीं मिल पाती। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद डिजिटल लाइब्रेरी ऊपर शिफ्ट हो जाएगी। लाइब्रेरी में 22 हजार फिजिकल पुस्तकों को टैग करने का काम भी पूरा हो गया है।
120 कम्प्यूटर के माध्यम से 40 हजार से ज्यादा किताबों की ऑनलाइन लाइब्रेरी तैयार की गई है। इसमें पांच हजार से ज्यादा छात्रों ने पंजीयन कराया है। इनमें से ज्यादातर छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हैं।
बालेंदु शुक्ला, प्रोजेक्ट प्रभारी
फिजिकल लाइब्रेरी की 22 हजार पुस्तकों को वेबसाइट पर ऑनलाइन टैग किया जा चुका है। इनकी उपलब्धता या किसी को जारी किए जाने की जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है।
सतीश चौरसिया, लाइब्रेरी प्रभारी
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
18 Sept 2022 10:13 pm


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