Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

Mahatma Gandhi 4 बार आए थे इस शहर, खाने की जगह मांगा था बकरी का दूध

Mahatma Gandhi : स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 4 बार प्रवास किया था।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें

Mahatma Gandhi : स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 4 बार संस्कारधानी में प्रवास किया था। लेकिन उनकी जबलपुर की सबसे यादगार यात्रा दिसबर 1933 में हुई। 2 दिसबर 1933 को हरिजन यात्रा के संदर्भ में महात्मा गांधी एक सप्ताह के लिए जबलपुर आए। वे ब्यौहार रामनारायण सिंहा के निवास में ठहरे। सिंहा के पौत्र ब्यौहार डॉ अनुपम सिंहा ने बताया कि यूं तो गांधी जी उनके घर 3 बार आए, लेकिन यही एकमात्र दौरा था जब वे इतने अरसे तक ठहरे। डॉ सिंहा बताते हैं कि गांधीजी 1932 में साबरमती आश्रम त्याग चुके थे, इसलिए गांधी जी ने उनके पिता से आश्रम बनाने की चर्चा की। ब्यौहार रामनारायण सिंह ने इसके लिए जबलपुर के समीप ही बुढ़ागर स्थित अपनी सपत्ति गांधी के आश्रम के लिए दे दी और गांव का नाम भी बदलकर गांधीग्राम कर दिया। डॉ सिंहा बताते हैं कि कुछ कारणवश बाद में यहां गांधी जी का आश्रम नहीं बन सका।

Ragging : सीनियर ने जूनियर छात्र के बीच रास्ते कपड़े फाड़े, लात घूंसों से की मारपीट

Mahatma Gandhi : मार्च 1921 में पहली बार आए थे

महात्मा गांधी का पहली बार नगरागमन 20 मार्च 1921 को असहयोग आंदोलन के विस्तार के लिए हुए।दूसरी बार गांधी जी दिसबर 1933 में यहां आए। वे सात दिन तक जबलपुर में रुके। इसके बाद शहर की हीरजी गोविंदजी फर्म में 27 फरवरी 1941 को गांधी जी आकर ठहरे थे। चौथी व अंतिम बार मदन महल स्थित पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र के निवास पर गांधी जी 27 अप्रेल 1942 में आए थे ।

Mahatma Gandhi : भोजन की जगह मांगा बकरी का दूध

27 फरवरी 1941 को महात्मा गांधी जबलपुर आए तो उन्होंने भोजन नही किया, बल्कि बकरी का दूध मांगा। तब बलदेवबाग स्थित हीरजी गोविंदजी फर्म का वाहिद नामक कर्मचारी अपनी बकरी लेकर आया। उंसने गांधी जी के सामने ही बकरी दुहकर उन्हें दूध पिलाया। हीरजी गोविंदजी फर्म के तत्कालीन मैनेजर रहे स्व. दुलीचंद भाई पालन के सुपुत्र व जानकीरमण कॉलेज के पूर्व प्राचार्य शरद भाई पालन ने पत्रिका को बताया कि वे उस वक्त 8-9 वर्ष के थे। उनके बाल मन की स्मृति में संचित यह दृश्य आज भी उन्हें याद है। गांधी जी उस समय संचालक सेठ लक्ष्मीदास भाई के बलदेवबाग स्थित बंगले रत्नहीर में करीब 4-5 घण्टे ठहरे थे। शरद भाई ने बताया कि गाँधीजी ने विदा होते वक्त सेठ लक्ष्मीदास भाई से हरिजन फंड में चन्दा मांगा। उस समय सेठ जी ने महात्मा गांधी को 500 रु की राशि प्रदान की थी।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar