AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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मोबाइल नंबर की तरह अब वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर भी पोर्ट हो सकेगा। यदि कोई वाहन मालिक पुराने वाहन का नंबर चाहता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। केवल एक आवेदन के जरिए पुराने वाहन का नंबर नए वाहन में मिल जाएगा। हाल ही में परिवहन विभाग ने यह सुविधा शुरू की है।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए वाहन मालिक को स्क्रैप सेंटर में अपना पुराना वाहन बेचना होगा। वहां से वाहन को डिस्मेंटल करने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यदि वाहन मालिक चाहता है कि उसके पास वही रजिस्ट्रेशन नंबर रहे, तो उसे परिवहन विभाग में स्क्रैप सेंटर से प्राप्त सर्टिफिकेट के साथ आवेदन करना होगा। इसके आधार पर उसे उसके वाहन का पुराना नंबर नए वाहन के लिए आवंटित कर दिया जाएगा।
यदि वाहन मालिक मनचाहा नंबर चाहते हैं तो उन्हें एमपी ऑनलाइन या वाहन डीलर के माध्यम से परिवहन विभाग की वेबसाइट पर नंबर का चयन करना होता है। उसे ढाई हजार से पांच हजार रुपए फीस चुकानी पड़ती है। जबकि वीआइपी नंबर के लिए वेवसाइट पर ऑक्शन में भाग लेना होता है। जिसकी बिड अधिक होती है उसे नंबर आवंटित कर दिया जाता है।
2021-22 के आम बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि 15 साल पुराने सरकारी और प्राइवेट तथा 20 साल पुराने कमर्शियल वाहन को सड़कों से हटाया जाना है। इस योजना को स्क्रैप पॉलिसी नाम दिया गया था। पिछले एक दशक में लाखों नई गाड़ियां सड़क पर आईं। अब इस व्यवस्था के लागू होने से स्क्रैप पॉलिसी को बढ़ावा मिलेगा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
24 Oct 2025 12:36 pm
Published on:
24 Oct 2025 09:38 am


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