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सर्जरी कर युवती के पेट से निकाला 11 किलो का ट्यूमर

- झाड़फूक के चक्कर मे फसे रहे ग्रामीण - जिला ही नही संभागभर का पहला सफल ऑपरेशन बन गया यह।  

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जिला ही नही संभागभर का पहला सफल ऑपरेशन बन गया यह।
जिला ही नही संभागभर का पहला सफल ऑपरेशन बन गया यह।

कोंडागांव- जिला हॉस्पिटल में सोमवार को डॉक्टरों की टीम ने एक ऐसा ऑपरेशन कर ड्यूमर निकाला जिसका वजन 11 किलोग्राम था। बताया जा रहा है कि, जिला ही नही पूरे संभाग में यह पहला सफल ऑपरेशन था जिसमे इतना वजनी ड्यूमर निकाला गया हो।जानकारी के मुताबिक नक्सल प्रभावित कुधूर पंचायत के गुमियापाल निवासी 20 वर्षीय पार्वती नाग के पेट का सफल आॅपरेशन कर 11 किलो वजन का ट्यूमर निकाला गया। इससे पहले बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिले के लोगों को प्रदेश की राजधानी या पड़ोसी राज्यों के विशाखापट्टनम, हैदराबाद, नवरंगपुर के निजी हॉस्पिटलो के भरोसे ही उपचार संभव हो पाता था। इन महंगे अस्पतालों तक जिले के दूरस्थ क्षेत्र में बसने वाले ग्रामीणों की पहुंच कोसों दूर थी। लेकिन समय के साथ सरकारी योजनाओं व सरकार की पहल से जिले की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है। अब जिले में भी बेहतर और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने लगी है। इसका सीधा लाभ अब जिले के अत्यंत दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को भी मिलने लगा है।

अज्ञानता के चलते बढ़ता चला गया टयूमर-

नक्सल प्रभावित मर्दापाल क्षेत्र के कुधूर पंचायत के अंतर्गत गुमियापाल निवासी गडरू नाग की 20 वर्षीय के पेट में लगभग 2 वर्ष पूर्व सूजन दिखाई दिया। जब पार्वती नाग के पेट में सूजन दिखाई दिया तो बरसों से चली आ रही प्रथा अनुसार इस नक्सल प्रभावित गांव में देशी तरीके से उसका झाड़-फूंक किया गया। लेकिन समस्या इतनी गंभीर थी कि, देशी झाड़-फूंक और सिरहा-गुनिया का झाड़-फूंक पार्वती नाग के पेट के सूजन को रोक नहीं पाया। अज्ञानता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के चलते लगभग 2 वर्ष तक पार्वती अपने पेट की पीड़ा झेलती रही और सूजन धीरे-धीरे एक विशालकाय गोला में बदल गया। और इलाके में जनजीवन सामान्य होने के साथ ही पार्वती जिला अस्पताल के संपर्क में आई। जिला अस्पताल के शिशु एवं मातृ अस्पताल में पदस्थ गायनोकोलॉजिस्ट व उनकी टीम ने जांच में पाया कि, पार्वती के पेट में एक बड़ा ट्यूमर है, जिसे तत्काल ऑपरेशन के माध्यम से ही निकाला जा सकता है और परिवार की सहमति के बाद ऑपरेशन किया गया।

वर्सन-

0- सीएम के मंशानुरूप जिला अस्पताल में अच्छी और बेहतर उपचार सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

( दीपक सोनी, कलेक्टर)

0- यदि सयम रहते पार्वती के पेट का ट्यूमर नहीं निकाला जाता तो कुछ समय के बाद उसकी जान बचाना मुश्किल हो सकता था।

(डॉ. आकृति शुक्ला, स्त्रीरोग विभाग)

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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