AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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CG Politics: केंद्र सरकार ने संसद में एक बिल लाया और महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा का नाम बदल दिया। अब केंद्र सरकार के इस फैसले से बौखलाई कांग्रेस देशभर में धरना-प्रदर्शन कर रही है। सोमवार को शहर के संजय मार्केट में जिला कांग्रेस के बैनर तले कांग्रेसियों ने धरना दिया और नाम बदले जाने का विरोध किया।
इस दौरान पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि गांधीजी के विचारों से जुड़ा सामाजिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है। भगवान राम देश की आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनके नाम पर महात्मा गांधी की पहचान को मिटाना अस्वीकार्य है। यह फैसला सामाजिक सौहार्द और ऐतिहासिक विरासत के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वास्तविक समस्याओं जैसे मजदूरों को समय पर भुगतान पर ध्यान देने के बजाय नाम बदलने की राजनीति कर रही है।
बैज ने कहा कि मनरेगा की शुरुआत वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार के दौरान ग्रामीण गरीबों को 100 दिन का रोजगार देने के उद्देश्य से की गई थी। अब न केवल गांधीजी का नाम हटाया जा रहा है, बल्कि योजना को कमजोर करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर मनरेगा के बजट और अनुदान में कटौती करने का भी आरोप लगाया।
धरना को पूर्व विधायक रेखचंद जैन, महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता निषाद, उमाशंकर शुक्ला, प्रकाश अग्रवाल, बलराम यादव, सहदेव नाग, विशाल खंबारी, दयाराम कश्यप सहित कई नेताओं ने संबोधित किया। मंच संचालन युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान और पार्षद सूर्यापानी ने किया। धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
CG Politics: शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि मनरेगा से गांधीजी का नाम हटाना उनकी विचारधारा और राष्ट्रपिता के सम्मान पर सीधा हमला है। यह केंद्र की भाजपा सरकार की ओछी राजनीति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीब, मजदूर और असहाय वर्ग के अधिकारों की लड़ाई से कभी पीछे नहीं हटेगी और इस फैसले का डटकर विरोध करेगी।
धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने मांग की कि मनरेगा का मूल स्वरूप और नाम बरकरार रखा जाए, मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए और राजनीतिक एजेंडे के लिए ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का इस्तेमाल बंद किया जाए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
23 Dec 2025 09:43 am
Published on:
23 Dec 2025 09:42 am


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