AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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जगदलपुर @ पत्रिका. बस्तर के अंदरूनी इलाकों में तेंदूपत्ता आदिवासियों के जीविकोपार्जन का प्रमुख आधार है कई परिवार तेंदूपत्ता से प्राप्त आय से न सिर्फ पूरे परिवार का खर्च चलता बल्कि बच्चों की शिक्षा,स्वास्थ और बीमा जैसी मूलभूत जरूरतें भी इससे पूरी होती हैं ।
बस्तर में वनोपज के 4 बाद हरा सोना के रूप में मशहूर तेंदूपत्ता की तोड़ाई के दौनान आंधीतूफान और बारिश के चलते इसके संग्रहण कार्य में कई बार रुकावट आई । तमाम बाधाओं के बाद भी संग्रहण का लक्ष्य पूर्ण हुआ । सुकमा जिले में रिकार्ड 110 फीसदी संग्रहण हो चुका है जबकि सबसे अधिक कमाई और संग्रहण करने वाले जिला बीजापुर में तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य इस वर्ष पूर्ण नही हो पाया है ।
वन विभाग के अनुमान के मुताबिक इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण से आदिवासी संग्राहकों की आय एक अरब को पार कर सकती है। पिछले वर्ष 2022 में सरकार ने बस्तर रेंज में तेंदुपत्ता संग्राहकों को 86 करोड़ रूपये से अधिक राशि का भुगतान किया था जिसे देखते हुए इस साल एक अरब से अधिक की राशि मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है।
75 समिति 160400 से अधिक संग्राहक
बस्तर वनवृत में संग्राहकों की संख्या की बात किया जाय तो बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और जगदलपुर वन मंडल को मिलाकर कुल 75 समितियों में दो लाख से अधिक संग्राहक है लेकिन वर्तमान में लगभग 160400 संग्राहक ही इस कार्य में जुटे हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 57732 संग्राहक अकेले सुकमा जिले के हैं। वहीं सबसे कम 14032 संग्राहक दंतेवाड़ा जिले से हैं। यह संग्राहक स्थानीय बनोपज समीतियों के आधीन काम करता है। बस्तर में बीजापुर जिले का तेंदूपत्ता सबसे अच्छा माना जाता है। अकेले बीजापुर में ही बीते वर्ष 35 करोड़ रूपये का तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ था।
पिछले वर्ष देढ लाख बोरा तेंदूपत्ता की हुई थी बिक्री
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अभी तक 91 करोड़ से अधिक मूल्य के तेंदूपत्ता का संग्रहण कार्य पूरा किया जा चुका है। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में पांच करोड़ रूपये अधिक है। वहीं गत वर्ष एक लाख सत्तावन हजार मानक बोरा से अधिक तेंदूपत्ता क्रय किया जा चुका है। इस प्रकार अनुमान के मुताबिक तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि एक अरब को पार करने वाली है।
2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा का लक्ष्य
सरकार ने बीते वर्ष लक्ष्य से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण होने के चलते इस वर्ष संग्रहण की लक्ष्य लगभग 30 फीसदी बढ़ा दिया है। पिछले वर्ष 2 लाख 15 हजार मानक बोरा लक्ष्य था जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा कर दिया है।बस्तर में आमतौर पर गर्मियों के दौरान मई के अंतिम सप्ताह में बारिश की शुरूआत होती है इस बार लगातार बारिश के चलते तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पिछड़ता नजर आया। यही अभी तक के मिले आंकड़ों में सुकमा जिला 110 फीसदी संग्रहण के साथ सबसे उपर है वहीं बीजापुर 85 फीसदी के साथ संग्रहण में पिछड़ा हुआ है।
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Updated on:
14 Sept 2023 05:41 pm
Published on:
14 Sept 2023 05:40 pm


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