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वजन मशीनों का पता नहीं 1 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों में होगा वजन त्योहार

लापरवाही: बस्तर में 94 हजार बच्चों के बीच होगी कुपोषण की जांच

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वजन मशीनों का पता नहीं 1 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों में होगा वजन त्योहार
वजन मशीनों का पता नहीं 1 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों में होगा वजन त्योहार

जगदलपुर. महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों के पोषण का स्तर जानने एक सितम्बर से 13 सितम्बर तक वजन त्योहार मनाया जायेगा। अधिकारियों द्वारा बिना किसी तैयारी के इस त्योहार के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जिले की अधिकांश केन्द्रों में वजन मशीन ही नहीं है।
बस्तर के ग्रामीण क्षेत्र तो दूर यहां शहरी केन्द्रों में वजन मशीन ही नहीं है। अगर कहीं है तो वह भी खराब स्थिति में है। जिले के बास्तानार, बकावण्ड, बस्तर, दरभा, लोहंडीगुड़ा जैसे ब्लाकों के आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन मशीन नहीं होने से यह त्योहार कैसे मानेगा यह न कार्यकर्ता बता पा रहे हैं न सहायिका।
कैसे होगी पोषण स्तर की जांच
बस्तर जिले में मनाए जा रहे वजन त्योहार के तहत 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की जांच कर उनके पोषण स्तर का रिपोर्ट सरकार को देना है। एक से 13 सितम्बर तक चलने वाले इस वजन त्योहार में बच्चों के अभिभावकों की उपस्थिति में वजन और ऊंचाई माप लेना है। इसमें ऐसे बच्चों को चिह्नांकित किया जाएगा, जिन बच्चों का पोषण स्तर कमजोर ह। साथ ही एनीमिक महिलाओं की जांच की जाएगी।
17 हजार से अधिक कुपोषित
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में सत्र 2022 के अनुसार लगभग 94 हजार बच्चे दर्ज हैं। इनमे से लगभग 17 हजार से अधिक बच्चे पूर्व से कुपोषित हैं। रेडी टू ईट की सप्लाई भी नियमित नहीं है। शहरी क्षेत्र की बात किया जाए तो करीब डेढ़ हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यही स्थिति यहां गर्भवती महिलाओं और शिशुवती महिलाओं की है। छह माह से तीन वर्ष के 37 बच्चे कुपोषित हैं तो 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के 26 बच्चे कुपोषित दर्ज हैं।
बिना तैयारी हो रहा वजन त्यौहार
आंगनबाड़ी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में मशीन नहीं होने के बावजूद विभाग द्वारा बिना किसी तैयारी के यह त्योहार मनाने की तैयारी की जा रही है। मशीन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में सरकारी अस्पतालों और चित-परिचितों के क्लीनिक से मशीन मंगवाकर बच्चों का वजन नापने की तैयारी हो रही है। जिलेभर में कुल 1981 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इसमें से सैकड़ों केंद्र में मशीन ही नहीं है। जहां पर है भी तो वहां की वजन मशीन खराब हैं।
अधिकारियों की लापरवाही
वजन त्योहार मनाने की जानकारी महीने भर पहले ही विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में मशीनों की उपलब्धता होने या नहीं होने की कोई जानकारी नहीं ली गई। न ही खराब वजन मशीनों की मरम्मत समय रहते नहीं किया गया। जिलेभर में सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन मशीन नहीं होने की जानकारी अधिकारियों को होने के बावजूद मशीन उपलब्ध कराए जाने के लिए किसी प्रकार के कदम नहीं उठाए गए।
ग्रामीण सेक्टर में है सबसे बुरा हाल
बस्तर जिले में मनाए जा रहे वजन त्योहार के लिए जगदलपुर के तीनों सेक्टर पूर्व , पश्चिम और मध्य सेक्टर के सभी केन्द्रों में वजन मशीन ही नहीं है। इसके लिए यहां केंद्र की कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने कई बार विभाग के अधिकारियों से गुहार भी लगा चुकी है। इसके बावजूद यहां वजन मशीन नहीं मिल सकी है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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