Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

प्राइवेसी का कत्ल, एआई चश्मे का डरावना जासूसी खेल, चश्मा पहना और राहगीर की पोल खोल दी

Facial Recognition: चश्मे में छिपा कैमरा चेहरे को कैप्चर करता है, फिर एआई टूल्स फोटोज से मैच ढूंढते हैं।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें

AI Glasses:जयपुर. अब जमाना एआई का है। यहां तकनीक ही काम करेगी। नीदरलैंड्स के व्यस्त रास्तों पर एक साधारण सा चश्मा पहनकर टहलते हुए, जर्नलिस्ट अलेक्जेंडर क्लोपिंग ने दुनिया को हिला दिया। दिसंबर 2025 में एक टीवी शो में उन्होंने एआई-स्मार्ट ग्लासेस का डेमो दिया, जहां बस एक नजर में राहगीरों के नाम, नौकरी, सोशल मीडिया प्रोफाइल सब स्क्रीन पर आ गए। यह वीडियो एक्स पर वायरल हो गया, लाखों व्यूज बटोरते हुए, और यूरोप में प्राइवेसी का हल्ला मच गया। क्लोपिंग का मकसद था लोगों को डराना और जागरूक करना। एआई ग्लासेज की मदद से यह संभव हो रहा है।

बिना इजाजत सर्विलांस

यह तकनीक कोई जासूसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि हकीकत है। इसके लिए आपको एक चश्मा पहनना होगा। चश्मे में छिपा कैमरा चेहरे को कैप्चर करता है, फिर एआई टूल्स जैसे पिमआईज इंटरनेट पर पब्लिक फोटोज से मैच ढूंढते हैं। उसके बाद लार्ज लैंग्वेज मॉड्यूल जैसे चैट जीपीटी, लिंकडि या फेसबुक से डिटेल्स खींच लेते हैं। इसमें कोई गोपनीय डेटाबेस नहीं, सिर्फ खुला डेटा होता है। लेकिन यही डरावना है—बिना इजाजत सर्विलांस।

ऐसे काम करता है यह 'जासूस चश्मा'

क्लोपिंग ने मेटा जैसे स्मार्ट ग्लासेस पहने, जो ब्लूटूथ से फोन से जुड़ते हैं। कैमरा वीडियो स्ट्रीम करता है, एआई चेहरा डिटेक्ट कर तुरंत सर्च करता है। सेकंडों में पॉप-अप मिल जाता है और फिर आपकी पहचान।

हो सकती है गलती

विशेषज्ञ कहते हैं रियल-टाइम में गलतियां हो सकती हैं, जैसे गलत पहचान। ये १०० प्रतिशत सही नहीं होता है।

फायदे भी हैं

अंधे लोग इन विजन ग्लासेस से माहौल समझ सकते हैं, या टूरिस्ट लैंडमार्क की कहानी। सुरक्षा में मदद मिल सकती है।

रिस्क बड़ा

हर पहनने वाला अब 'जासूस' होगा। वह किसी भी व्यक्ति की पहचान उजागर कर सकता है। बिना सहमति के भी आप पर कोई निगरानी रख सकता है। डेटा चोरी का रिस्क बढ़ेगा।

प्राइवेसी का कत्लेआम

यह सब प्राइवेसी कानून पर सीधा हमला है। एआई चश्मे प्राइवेसी को खत्म कर देंगे। मिसआइडेंटिफिकेशन से झूठे आरोप लग सकते हैं। लोग बाहर निकलने में भी डरने लगेंगे। अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में आ जाएगी। मेटा और अलीबाबा जैसे ब्रांड्स 2027 तक ऐसे ग्लासेस ला रहे हैं, लेकिन रेगुलेटर्स सख्ती चाहते हैं।

ऐसे करें बचाव

  • सोशल मीडिया प्रोफाइल प्राइवेट रखें
  • फोटोज कम शेयर करें
  • वीपीएन और प्राइवेसी ऐप्स यूज करें
  • कानूनी जागरूकता बढ़ाए

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar