Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

Rajasthan: 7 साल बीते, कृषि उपज मंडियों में करोड़ों की मशीनें अब तक शुरू नहीं, किसानों को हो रहा भारी नुकसान

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई ग्रेडिंग-क्लीनिंग मशीन योजना सात साल बाद भी कागजों तक सीमित है। करोड़ों की मशीनें मंडियों में बंद पड़ी हैं, जिससे किसान बिना ग्रेडिंग फसल औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Agricultural Produce Market, Agricultural Produce Market in Rajasthan, Grading-Cleaning Machine, Grading-Cleaning Machine Scheme, Farmer News, Kotputli News, Jaipur News, Rajasthan News
कोटपूतली मंडी परिसर में शेड के नीचे ग्रेडिंग मशीन। फोटो- पत्रिका

दिनेश मोरीजावाला
कोटपूतली।
राजस्थान की कृषि उपज मंडियों को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से साल 2017-18 में शुरू की गई ग्रेडिंग-क्लीनिंग मशीन योजना आज भी अधर में लटकी हुई है। किसानों की आय बढ़ाने और मंडियों को आधुनिक बनाने के नाम पर प्रदेश सरकार ने सात साल पहले करोड़ों रुपए खर्च कर ग्रेडिंग-क्लीनिंग मशीनें खरीदीं, लेकिन इनके संचालन की जिम्मेदारी आज तक तय नहीं हो सकी। नतीजतन, किसान बिना ग्रेडिंग वाली फसलें औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।

राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड ने वर्ष 2017-18 में करीब 40 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश की विभिन्न श्रेणियों (ए, बी और सी) की मंडियों के लिए ग्रेडिंग व क्लीनिंग मशीनें खरीदी थीं। प्रदेश की करीब 80 मंडियों को ये मशीनें उपलब्ध कराई गईं। इनका उद्देश्य फसलों की गुणवत्ता सुधारना और किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलवाना था, लेकिन संचालन शुरू नहीं होने से यह लक्ष्य कागजों में ही सिमटकर रह गया।

20 लाख की मशीन शेड में कैद

यहां की मंडी को बी-श्रेणी मॉडल मशीन आवंटित की गई थी, जिसकी लागत करीब 20 लाख रुपए थी। यह आधुनिक ग्रेडिंग मशीन पिछले सात साल से मंडी परिसर के एक कोने में पड़ी-पड़ी जंग खा रही है। पहले खुले में रखी गई मशीन में जंग लगने पर मंडी प्रशासन ने इसके लिए अलग से टीन शेड का निर्माण कर उसे वहां रखवाया।

बढ़ सकते हैं फसलों के दाम

ऑपरेटर की नियुक्ति और तकनीकी स्वीकृति के अभाव में ये मशीनें आज तक चालू नहीं हो सकीं। कई स्थानों पर उपकरणों का परीक्षण नहीं किया गया, जबकि कुछ मंडियों में मशीनों के रखरखाव की गाइडलाइन ही तय नहीं हो पाई। प्रदेश की सीकर, बूंदी, झुंझुनूं, नागौर और पाली सहित कई मंडियों में मशीनें या तो बंद पड़ी हैं या लंबे समय से मरम्मत का इंतजार कर रही हैं। कुछ जगह स्टाफ के अभाव में मशीनें शुरू ही नहीं हो सकीं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार ग्रेडिंग के बाद चना, सरसों और गेहूं जैसी फसलों के दाम 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।

यह वीडियो भी देखें

इनका कहना है

ग्रेडिंग मशीन की सुरक्षा के लिए शेड बनाया गया है। कृषि विपणन बोर्ड को ऑपरेटर नियुक्ति के प्रस्ताव भेजे गए हैं। मशीन के संचालन में किसानों की रुचि भी कम रहती है। इस संबंध में किसानों को जागरूक किया जाएगा।

  • रामफूल गुर्जर, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, कोटपूतली

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar