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जयपुर मेट्रो 10 साल में सिर्फ 11 किमी चली… फेज-2 की फाइल दिल्ली में भटकी, दूसरे शहरों ने भरी उड़ान

Jaipur Metro: जयपुर। देशभर में मेट्रो शहरी विकास की रीढ़ बनती जा रही है, लेकिन राजधानी जयपुर में यह सिस्टम बड़ी विफलता के रूप में सामने खड़ा है। जून 2015 में शुरू हुई जयपुर मेट्रो आज 10 साल बाद भी महज 11 किलोमीटर के दायरे में सिमटी हुई है।

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जयपुर मेट्रो फेज-2 की धीमी चाल, पत्रिका फोटो
जयपुर मेट्रो फेज-2 की धीमी चाल, पत्रिका फोटो

Jaipur Metro Phase-2: जयपुर। देशभर में मेट्रो शहरी विकास की रीढ़ बनती जा रही है, लेकिन राजधानी जयपुर में यह सिस्टम बड़ी विफलता के रूप में सामने खड़ा है। जून 2015 में शुरू हुई जयपुर मेट्रो आज 10 साल बाद भी महज 11 किलोमीटर के दायरे में सिमटी हुई है। जबकि, देश के कई शहर जहां मेट्रो जयपुर के बाद शुरू हुई, आज कई गुना बड़ा नेटवर्क खड़ा कर चुके हैं। राजधानी में नीतिगत उदासीनता और प्रशासनिक सुस्ती के कारण मेट्रो का विस्तार नहीं हो पा रहा है।

जहां बाद में चली मेट्रो, वहां आज विस्तार

जयपुर मेट्रो जिस दौर में शुरू हुई थी, तब इसे उत्तर भारत के अग्रणी प्रोजेक्ट्स में गिना जा रहा था। उम्मीद थी कि राजधानी होने का फायदा मिलेगा, लेकिन हुआ इसका उलटा। लखनऊ, नागपुर, पुणे, अहमदाबाद, कानपुर और इंदौर जैसे शहरों ने मेट्रो को रफ्तार दी। वहां समय पर डीपीआर तैयार हुई, केंद्र से मंजूरी में अड़चन नहीं आई। चरणबद्ध तरीके से काम पूरा किया और नेटवर्क लगातार आगे बढ़ता गया।

अन्य शहरों में मेट्रो का विस्तार

शहरसंचालन शुरूकुल किमी में दौड़ रही मेट्रो
कोच्चिजून, 201728 किमी
लखनऊसितम्बर, 201722 किमी
हैदराबादनवंबर, 201770 किमी
नोएडा–ग्रेटर नोएडाजनवरी, 201929 किमी
अहमदाबादमार्च, 201962 किमी
नागपुरमार्च, 201926 किमी
कानपुरदिसम्बर, 202116 किमी
पुणेमार्च, 202233 किमी
नवी मुंबईनवंबर, 202311 किमी

फेज-2: कागजों में दौड़ती रही

प्रह्लादपुरा से टोड़ी मोड़ तक प्रस्तावित इस चरण की चौथी बार डीपीआर बनाई गई है। 42.80 किमी लंबे इस रूट में टोंक रोड का बड़ा हिस्सा, कलक्ट्रेट सर्कल, अंबाबाड़ी और विद्याधर नगर जैसे इलाके शामिल हैं। इस पर 12,260 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि, अब तक काम धरातल पर शुरू नहीं हो पाया है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब दूसरे शहरों में मेट्रो सरकार की प्राथमिकता बन सकती है, तो राजधानी जयपुर में क्यों नहीं? यह केवल एक परियोजना की विफलता नहीं, बल्कि शहरी योजना, राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक निर्णय क्षमता पर भी बड़ा सवाल है।

हम चले पहले, रह गए पीछे

जयपुर में मेट्रो की शुरुआत 3 जून 2015 को हुई थी। वर्तमान में 11.97 किमी ट्रैक पर मेट्रो दौड़ रही है। वहीं चेन्नई में मेट्रो का संचालन जयपुर के साथ ही शुरू हुआ था। आज वहां 50 किमी में मेट्रो चल रही है और 118 किमी के विस्तार का काम जारी है, जो वर्ष 2028 तक पूरा होगा।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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