AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Jaipur Metro: जयपुर मेट्रो जल्द ही पारंपरिक टोकन सिस्टम को पूरी तरह बंद कर QR कोड टिकटिंग सिस्टम शुरू कर रही है। 80,000 से ज्यादा टोकनों के नुकसान और करोड़ों की बर्बादी के बाद मेट्रो प्रशासन ने यह निर्णय लिया गया है। जो या तो खराब हो गए या यात्री अपने साथ ले गए।
अधिकारियों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों के सफल ट्रायल के बाद अब QR कोड वाले पेपर टिकट शुरू किए जा रहे हैं। यात्रियों को एंट्री गेट पर टिकट स्कैन करना होगा। यह तरीका सस्ता, तेज और ज्यादा सुविधाजनक बताया जा रहा है।
मेट्रो प्रशासन पेपरलेस सिस्टम की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। जल्द ही यात्री अपने मोबाइल नंबर देकर WhatsApp पर QR टिकट प्राप्त कर सकेंगे। भविष्य में ऑनलाइन टिकट खरीदने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
मेट्रो अधिकारी के अनुसार भविष्य में, पेपरलेस सिस्टम के तहत, यात्री ऑनलाइन मेट्रो टिकट भी खरीद पाएंगे। मार्च 2024 तक जयपुर मेट्रो के यात्री हर दिन 100-150 स्मार्ट टोकन ले जा रहे थे, और मार्च 2024 तक 79,156 टोकन खराब हो गए या खो गए थे। हालांकि यात्रियों के स्टेशन छोड़ने के बाद टोकन इनवैलिड हो जाते हैं, लेकिन प्रत्येक टोकन की लागत कीमत 22 रुपए होने के कारण मेट्रो को सालाना बड़ा नुकसान हो रहा था।

टेलगेटिंग: यात्री 6 रुपए का न्यूनतम किराया लेकर लंबी दूरी तय करते हैं, जबकि अगला स्लैब 12 रुपए से शुरू होता है।
पकड़े जाने पर 50 रुपए का जुर्माना और 22 रुपए अधिकतम किराया वसूला जाता है, लेकिन यह संख्या बेहद कम है।
अधिकारियों का कहना है कि QR टिकटिंग और आगे चलकर ऑनलाइन सिस्टम से लागत में भारी कमी आएगी और यात्रियों को भी बेहतर सुविधा मिलेगी।
यादगार के लिए टोकन ले जाना: कुछ यात्री यात्रा के बाद टोकन अपने साथ घर ले जाते हैं।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
28 Dec 2025 07:13 am
Published on:
28 Dec 2025 07:12 am


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