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राजस्थान में होने वाले निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर मंत्री झाबर सिंह खर्रा का बड़ा बयान, फरवरी 2026 नहीं… अब इस महीने में तैयारी

जयपुर। शहरी विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने राजस्थान में होने वाले निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि SIR के तुरंत बाद परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ऐसे में फरवरी या मार्च में 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' कराना संभव नहीं है।

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Jhabar Singh Kharra
मंत्री झाबर सिंह खर्रा (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। राजस्थान में 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' को लेकर चल रही सियासत के बीच अब तस्वीर साफ होती दिख रही है। शहरी विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव अब मई 2026 में ही कराए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और स्वशासन विभाग की सभी तैयारियां पूरी हैं, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम के चलते फिलहाल चुनाव कराना संभव नहीं हो पाया।

खर्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार सितंबर तक अपने स्तर पर सभी आवश्यक कार्य पूरे कर चुकी है। नगर निकायों की सीमा विस्तार, वार्डों के परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी होकर नोटिफिकेशन भी जारी किए जा चुके हैं। मंत्री के अनुसार, अब सरकार की ओर से ऐसा कोई काम शेष नहीं है जो चुनाव में रुकावट बने।

आरक्षण तय होना अभी बाकी

उन्होंने कहा कि दो महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं अभी बाकी हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को निकायवार ओबीसी वर्ग के आंकड़े जुटाने हैं। वहीं और दूसरा, आरक्षण तय होने के बाद वार्डों की लॉटरी निकालनी है। आयोग ने पहले सितंबर तक सर्वे पूरा करने का भरोसा दिया था, जिसके आधार पर दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित थे, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा SIR कार्यक्रम घोषित किए जाने के कारण यह संभव नहीं हो पाया।

SIR में घट सकती है मतदाताओं की संख्या

मंत्री ने यह भी कहा कि पुरानी मतदाता सूची के आधार पर मतदान कराना वैधानिक रूप से उचित नहीं होगा, इसलिए आयोग के कार्यक्रम के पूर्ण होने तक इंतजार करना जरूरी है। उन्होंने जयपुर महानगर का उदाहरण देते हुए कहा कि, जयपुर से ही लाख-डेढ़ लाख लोगों का मतदाता सूची से नाम कट सकता है। ऐसे में पुरानी सूची के आधार पर चुनाव कराना ठीक नहीं है। एसआईआर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मतदाता सूची की तस्वीर साफ हो जाएगी, जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।

परीक्षा के बीच में नहीं हो सकता चुनाव

मंत्री ने कहा कि अनुमान है कि विशेष मतदाता पुनरीक्षण 15 फरवरी तक पूरा हो जाएगा, लेकिन इसके तुरंत बाद मार्च-अप्रैल में स्कूल और कॉलेजों की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। शिक्षा विभाग की मैनपावर चुनावी कार्यों में अहम भूमिका निभाती है, ऐसे में इस अवधि में चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है।

चुनाव के लिए सरकार पूरी तरह तैयार

खर्रा ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' के तहत निकाय और पंचायत चुनाव अब मई 2026 में कराना ही सबसे उपयुक्त विकल्प है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पूरी तरह तैयार है, बस निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के पूरा होते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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