AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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साल 2025 राजस्थान के लिए सड़क हादसों के लिहाज से बेहद दर्दनाक साबित हुआ। तेज रफ्तार, लापरवाही और तकनीकी खामियों के चलते प्रदेश में एक के बाद एक भीषण हादसे हुए। कहीं जिंदा जलकर यात्रियों ने दम तोड़ा, तो कहीं परिवार खत्म हो गए। इन हादसों ने न सिर्फ कई परिवारों को उजाड़ा, बल्कि सड़क सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।
अक्टूबर महीने में जैसलमेर में हुए एसी स्लीपर बस हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। बस में भीषण आग लग गई थी, जिसका कारण छत में लगे एयर कंडीशनर की वायरिंग में हुआ शॉर्ट सर्किट बताया गया। आग लगने के बावजूद चालक ने बस नहीं रोकी, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। इस दर्दनाक हादसे में 26 यात्रियों की मौत हो गई। कई यात्री इस कदर जल चुके थे कि उनकी पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए करनी पड़ी।

नवंबर महीने में फलोदी जिले के मतोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत भारतमाला हाईवे पर हनुमान सागर के पास खड़े ट्रेलर में मिनी टूरिस्ट बस घुस गई। हादसे में बस सवार 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। तेज रफ्तार और लापरवाही के चलते बस पीछे से ट्रेलर में जा घुसी। बस पूरी तरह चकनाचूर हो गई। मृतकों में 10 महिलाएं, 4 बच्चे और एक चालक शामिल थे, जबकि दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुईं। अधिकतर मृतक जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र के निवासी थे, जो दर्शन कर लौट रहे थे।

नवंबर में ही राजधानी जयपुर के हरमाड़ा इलाके में एक बेकाबू डंपर काल बनकर दौड़ पड़ा। सीकर रोड स्थित लोहामंडी क्षेत्र में डंपर चालक ने नियंत्रण खो दिया और करीब एक दर्जन वाहनों को रौंद दिया। हादसे के वक्त चालक नशे में बताया गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई कारें और बाइकें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई।

नवंबर में जोधपुर जिले में जोधपुर-जैसलमेर नेशनल हाईवे-125 पर बालेसर के पास खारी बेरी गांव में भीषण सड़क हादसा हुआ। गुजरात के साबरकांठा निवासी लोग रामदेवरा दर्शन कर लौट रहे थे। सवारियों से भरे टैंपो और ट्रक की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। हादसे में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाद में अन्य तीन की भी मृत्यु हो गई थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि टैंपो के परखच्चे उड़ गए।

सितंबर महीने में जयपुर के शिवदासपुरा क्षेत्र में दर्दनाक हादसा हुआ था। हरिद्वार से अस्थि विसर्जन कर लौट रहे एक परिवार की कार 14 सितंबर को हादसे का शिकार हो गई। ओवरस्पीड के कारण कार रिंग रोड पर डिवाइडर से टकराकर 16 फीट नीचे अंडरपास में भरे पानी में जा गिरी। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों सहित सात की मौत हो गई। क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया था।

अगस्त महीने में दौसा जिले के दौसा-मनोहरपुर हाईवे पर बासड़ी बाइपास पुलिया के पास भीषण हादसा हुआ। खाटूश्यामजी के दर्शन कर लौट रहे यूपी निवासी श्रद्धालुओं की पिकअप एक होटल के बाहर खड़े कंटेनर से जा टकराई। हादसे में 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। पिकअप सवार 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

अक्टूबर महीने में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था। ICU में लगी आग में 8 गंभीर मरीजों की जान चली गई। हादसे के वक्त ICU में 11 मरीज भर्ती थे, जिनमें से कई वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही देर में पूरा फ्लोर धुएं से भर गया।

अक्टूबर में अलवर में तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार परिवार को चपेट में ले लिया। हादसे में पति-पत्नी और बेटे सहित चार लोगों की मौत हो गई। वहीं जयपुर के पास मनोहरपुरा में स्लीपर बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई, जिससे करंट फैलने और आग लगने से पिता-पुत्री सहित तीन मजदूरों की मौत हो गई।
इसके साथ ही मनोहरपुर-दौसा हाईवे पर ट्रक और कार के बीच आमने-सामने की टक्कर में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। कार दौसा की ओर से मनोहरपुर की तरफ में जा रही थी। पुलिस ने बताया था कि ओवरटेक के दौरान कार असंतुलित होकर सामने से आ रहे ट्रक में जा भिड़ी थी।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
24 Dec 2025 06:48 pm
Published on:
24 Dec 2025 06:38 pm


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