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मेयर अपने मंत्रिमंडल पर करेंगी विचार-विमर्श , डिप्टी को आपत्ति

ग्रेटर नगर निगम में विवाद शुरू हो गया है। समिति अध्यक्षों को लग रहा है कि उनकी समितियों पर संकट है। सवाल ये भी है कि ऐसे प्रस्ताव को सदन में लाया ही क्यों जा रहा है?

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जयपुर। ग्रेटर नगर निगम में साधारण सभा की बैठक के लिए स्वामी विवेकानंद भवन भले ही तैयार नहीं हो पाया हो, लेकिन सियासत शुरू हो गई है। प्रस्ताव संख्या तीन के बिन्दु पांच को लेकर महापौर और उप महापौर में विवाद शुरू हो गया है। यह प्रस्ताव संचालन समितियों के कार्य संचालन सहित अध्यक्ष व सदस्यों के संबंध में विचार विमर्श के लिए लाया गया है। इस प्रस्ताव पर उप महापौर पुनीत कर्णावट ने आपत्ति जाहिर की है। इसके लिए उन्होंने आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त को नोटशीट लिखकर प्रस्ताव को विलोपित करने के लिए कहा है। इसके अलावा समिति अध्यक्ष अभय पुरोहित, जितेंद्र श्रीमाली, सुखप्रीत बंसल, रामस्वरूप मीणा, भारती लख्यानी, विनोद चौधरी सहित कुछ पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पत्र आयुक्त को भी सौंपा है।
दरअसल, समिति अध्यक्षों के एक धड़े को ऐसा लग रहा है कि इस प्रस्ताव को सदन में पारित कर पद से हटाया जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो इस तरह का प्रस्ताव अप्रेल, 2022 में लाने की कोशिश की गई थी। लेकिन, पार्टी स्तर पर विरोध के चलते इसे एजेंडे में शामिल नहीं किया गया था।

यहां से शुरू हुआ विवाद
-साधारण सभा की मांग को लेकर 27 नवम्बर को करीब 63 पार्षदों के हस्ताक्षर का एक पत्र महापौर सौम्या गुर्जर को सौंपा गया था। नगर पालिका अधिनियम-2009 की उप धारा दो के तहत साधारण सभा बैठक की मांग की।
-इस पत्र के बाद महापौर धड़े में शामिल कुछ पार्षदों ने समितियों के कार्य संचालन, अध्यक्ष और सदस्यों के संबंध में विचार-विमर्श वाले प्रस्ताव को शामिल करवाया है।


ये प्रस्ताव गैर कानूनी और विधि शून्य है। ग्रेटर में भाजपा के बोर्ड है। कौन लोग इस प्रस्ताव लाना चाहते हैं। महापौर से भी इस प्रस्ताव को विलोपित करने के लिए कहा है। इस संबंध में पार्टी फोरम पर भी बात रखूंगा।
-पुनीत कर्णावट, उप महापौर

नियमानुसार जो प्रस्ताव आए हैं, उन्हीं को बैठक के एजेंडे में शामिल किया है। नियमानुसार आने वाले किसी भी प्रस्ताव को रोका जाना विधिसम्मत नहीं है।
-सौम्या गुर्जर, महापौर

साधारण सभा बोर्ड की बैठक में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम एवं इसके तहत बने नियमों के विपरीत कोई भी प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। जो प्रस्तावित एजेंडा है उसमें केवल कार्यों पर चर्चा किया जाना अंकित है। प्रथम दृष्टया कोई अनियमिता प्रतीत नहीं होती है।
-अपेशोक सिंह, सेवानिवृत्त विधि निदेशक

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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