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पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन-पेंशन की मांग पर राष्ट्रीय सम्मेलन में जोर, राजस्थान की भागीदारी के साथ प्रतिनिधिमंडल ने रखे सुझाव

पंचायती राज प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के साथ अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ।

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जयपुर। पंचायती राज प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के साथ अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में राजस्थान से मोहन लाल शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया और राज्य से जुड़े ग्रामीण मुद्दों, पंचायतों की मजबूती तथा स्थानीय स्वशासन को लेकर अपने सुझाव रखे। सम्मेलन में राजस्थान के प्रतिनिधियों ने पंचायतों को अधिक अधिकार, वित्तीय संसाधन और निर्वाचित प्रतिनिधियों को सामाजिक सुरक्षा देने की मांग प्रमुखता से उठाई।

अखिल भारतीय पंचायत परिषद का यह 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन 12 से 13 दिसंबर तक कर्नाटक स्थित गडग में आयोजित हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने की। देशभर से पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े निर्वाचित प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और परिषद के पदाधिकारी इसमें शामिल हुए। सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने ग्रामीण विकास, विकेंद्रीकरण और संविधान के 73वें संशोधन को और प्रभावी बनाने को लेकर अपने-अपने प्रस्ताव रखे।

सम्मेलन में सभी राज्यों से प्राप्त सुझावों और प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा के बाद कुल 14 सूत्रीय प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। इन प्रस्तावों में ग्राम पंचायतों को अधिक अधिकार, स्थानीय संसाधनों पर ग्राम समुदाय का नियंत्रण, पंचायत प्रतिनिधियों को वेतन, पेंशन और भत्ते देने जैसी अहम मांगें शामिल हैं। परिषद का प्रतिनिधिमंडल आने वाले समय में इन 14 सूत्रीय मांगों को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करेगा।

यह सम्मेलन परिषद की कार्यसमिति के अनुमोदन से तथा प्रदेश पंचायत परिषद के आग्रह पर आयोजित किया गया, जिसमें पंचायती राज मंत्री प्रियांक खरगे की भी विशेष भूमिका रही। सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने कहा कि वैश्वीकरण का दौर अब पीछे छूट चुका है और आज जरूरत स्थानीयकरण व आत्मनिर्भरता की है। उन्होंने कहा कि गांवों के जल, जंगल और जमीन पर बढ़ते बाहरी दबाव का समाधान ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाकर ही निकाला जा सकता है।

परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान ने कहा कि जब तक ‘स्मार्ट विलेज’ नहीं बनेंगे, तब तक देश वास्तविक अर्थों में आगे नहीं बढ़ेगा। महामंत्री मुख्यालय अनिल शर्मा ने परिषद की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। सम्मेलन में छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों के पदाधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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