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फाइलों से नहीं निकली राहः डेढ़ साल में 900 करोड़ की स्वीकृति, फिर भी 123 सेक्टर रोड अधर में

जेडीए की सेक्टर रोड अब जनता के धैर्य की परीक्षा बन चुकी हैं। घोषणाएं होती हैं, बजट स्वीकृत होता है, लेकिन जमीन पर न तो निर्माण शुरू होता है और न ही कोई ठोस कार्य योजना सामने आती है। पिछले डेढ़ वर्ष में सेक्टर रोड के लिए जेडीए ने 900 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और […]

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जेडीए की सेक्टर रोड अब जनता के धैर्य की परीक्षा बन चुकी हैं। घोषणाएं होती हैं, बजट स्वीकृत होता है, लेकिन जमीन पर न तो निर्माण शुरू होता है और न ही कोई ठोस कार्य योजना सामने आती है। पिछले डेढ़ वर्ष में सेक्टर रोड के लिए जेडीए ने 900 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी। इसके बावजूद 123 सेक्टर रोड का काम अधर में लटका है। जेडीए की निष्क्रियता ने न सिर्फ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को जकड़ रखा है, बल्कि आस-पास की जमीनों के भावों में उछाल लाकर आमजन को भ्रमित किया है। सवाल यह है कि जब सेक्टर रोड मास्टर प्लान की रीढ़ हैं तो उन्हें प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही?

कई सड़कें तो 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई हैं। जबकि, सड़कों पर वाहनों का भार कई गुना बढ़ गया।

इन जोन में दी सर्वाधिक स्वीकृति

जोन राशि (करोड़ में)

11 182

14 138

12 109

12-ए 92

ये अब तक पूरी नहीं

-खातीपुरा रेलवे स्टेशन से वीआइटी रोड होते हुए जेडीए की आवासीय योजना पार्थ नगर को जोड़ने वाली 200 फीट सेक्टर रोड पिछले 10 वर्ष से अधूरी पड़ी है। इस सड़क पर हाईराइज बिल्डिंग भी बन गईं, लेकिन लोगों को सीधा रास्ता नहीं मिल पाया है।

-महल रोड को गोनेर रोड से जोड़ने वाली 160 फीट की सेक्टर रोड छह में से पांच किमी बन चुकी है। एकाध जगह काम न होने से सड़क का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है।

-भांकरोटा से सिरसी रोड को जोड़ने के लिए 200 फीट सेक्टर रोड का काम वर्ष 2020 में शुरू हुआ। अब तक पूरा नहीं हो पाया है। कुछ बिल्डर्स और डवलपर्स ने अपने हिसाब से सड़क को विकसित कर लिया।

विवाद से बचने के लिए ये किया

महल रोड को गोनेर रोड से जोड़ने वाली 160 फीट की सेक्टर रोड को बनाने और विवाद से बचाने के लिए जेडीए ने आदर्श व्यवस्था की थी। जेडीए अधिकारियों की मानें तो सेक्टर रोड बनाने के लिए जोन की टीम ने प्रभावितों से समझाइश की। सेक्टर रोड के पास ही प्रभावितों को मुआवजे के रूप में जमीन दी। फिर मौके पर ही कैम्प लगाकर पट्टे दिए। यही वजह रही कि छह किमी की इस सड़क में 850 मीटर का हिस्सा ही बचा हुआ है।

इस तरह होगा काम

-मुहाना मोड़ से सीतापुरा आरओबी, रेलवे लाइन के समानांतर दक्षिण की ओर

-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन से अजमेर रोड को जोड़ने वाली 100 फीट की सेक्टर रोड

-ग्राम ठिकरिया से सांझरिया, बेगस होते हुए रघुनाथ विहार योजना तक

-सीकर रोड से मंगलम विहार योजना होते हुए रजत विहार तक 160 फीट की सेक्टर रोड

-जयपुर-अजमेर रेलवे लाइन के समानांतर 160 फीट सेक्टर रोड

-सीकर रोड से नींदड़ तक 120 फीट की सेक्टर रोड

टॉपिक एक्सपर्ट

तो आसान हो जाए लोगों की राह

सेक्टर रोड शहर के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह है। इनका मजबूत होना जरूरी है, लेकिन इच्छा शक्ति न होने के कारण ये कई वर्ष बीत जाने के बाद भी धरातल पर नहीं आ पा रहीं। जेडीए का पहला काम सेक्टर रोड बनाने का होना चाहिए। इससे लाखों लोगों की राह सुगम होगी। मास्टर प्लान पर गौर करें तो साफ लिखा है कि सेक्टर रोड की जमीन को नो कंस्ट्रशन जोन घोषित करना था, जेडीए ने आज तक ऐसा नहीं किया। कई जगह तो सेक्टर रोड पर मकान तक बन गए।

-अरविंद आर्य, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जेडीए

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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