AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
- पिछले साल की तुलना में 2025 में अक्टूबर के पहले नौ दिन में बड़ी गिरावट
जयपुर. राजस्थान में इस साल अक्टूबर की शुरुआत में ही बिजली खपत में बड़ी गिरावट आई है। पिछले साल की तुलना में इस बार अक्टूबर के पहले 9 दिनों में बिजली की खपत करीब 20 प्रतिशत तक घट गई है।
बिजली कंपनियों की रिपोर्ट के अनुसार अभी 1 से 9 अक्टूबर तक कुल बिजली खपत औसतन 2673 लाख यूनिट प्रतिदिन रही, जबकि इसी अवधि में अक्टूबर 2024 में यह 3325 लाख यूनिट प्रतिदिन थी। यानी, प्रतिदिन करीब 652 लाख यूनिट की कमी दर्ज की गई। सबसे अधिक गिरावट 7 अक्टूबर को रही, जब खपत पिछले साल की तुलना में 1036 लाख यूनिट कम रही।
बताया जा रहा है कि अक्टूबर की शुरुआत में इस बार तापमान सामान्य से नीचे रहा है, जिससे पंखे, कूलर और एसी जैसे उपकरणों का उपयोग कम हुआ। वहीं, कई जिलों में बारिश के कारण कृषि सिंचाई की जरूरत भी घटी, जिससे कृषि फीडरों पर लोड कम हुआ।
औसत खपत तुलना
-2024 में औसत खपत- 3325 लाख यूनिट प्रतिदिन
-2025 में औसत खपत- 2673 लाख यूनिट प्रतिदिन
-यानी औसतन करीब 652 लाख यूनिट प्रतिदिन (19.6%) की कमी
बिजली दर बढ़ोतरी पर जूली बोले- सरकार का डर्टी चेहरा उजागर
कुछ स्लेब में बिजली दरें बढ़ाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने त्योहार के मौके पर जनता को तोहफा नहीं, झटका दिया है। यह सरकार का ‘डर्टीचेहरा’ है, जिसने फिर साबित किया कि आमजन उसकी प्राथमिकता में नहीं है। जूली ने बिजली दरों में करीब पन्द्रह प्रतिशत शुल्क बढ़ाने के नोटिफिकेशन की निंदा करते हुए इसे मनमाना फरमान बताया। उन्होंने कहा कि 150 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा अब जुमला साबित हुआ है।
गहलोत भूल गए अपनी गलतियां: मंत्री नागर
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बिजली दरों पर बयान को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने साढ़े चार साल तक बिजली दरें बढ़ाईं और चुनाव से पहले 100 यूनिट मुफ्त बिजली देकर वोट बटोरने की कोशिश की। उनके वित्तीय कुप्रबंधन के कारण डिस्कॉम्स 88,700 करोड़ के कर्ज में डूबे और 300 करोड़ की पेनल्टी भी चुकानी पड़ी। रोजाना 147 लाख यूनिट बिजली लौटानी पड़ी, फिर भी मौजूदा सरकार ने आपूर्ति बाधित नहीं होने दी। भाजपा सरकार ने 25 साल में पहली बार बिजली दरों में सीधी राहत दी है। 2025-26 के लिए विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अनुमत टैरिफ में सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को 35 से 80 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई है, जिससे जनता को वास्तविक राहत मिलेगी।
इधर, एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने जताई चिंता
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के टैरिफ आदेश ने उद्योपगतियों में चिंता बढ़ा दी है। एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने इस आदेश को उद्योगों पर वित्तीय बोझ डालने वाला बताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एन. के. जैन के मुताबिक नया रेगुलेटरी सरचार्ज और स्थायी शुल्क में बढ़ोतरी औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। बिजली दरों में यह बढ़ोतरी उत्पादन लागत बढ़ाएगी, प्रतिस्पर्धा घटाएगी और रोजगार पर भी असर डालेगी। संस्था के सचिव एस. के. पाटनी ने कहा कि सरकार और आयोग उद्योगों की परिस्थितियों को समझकर समाधान करें।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
12 Oct 2025 06:10 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।