Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

गोडावण के लिए 14,032 वर्ग किमी ‘प्रायोरिटी एरिया’ होगा रिजर्व, सुप्रीम कोर्ट ने खींची लक्ष्मण रेखा

Rajasthan's state bird Great Indian Bustard: जयपुर। राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि गोडावण के संरक्षण वाले 14,032 वर्ग किलोमीटर ‘प्रायोरिटी एरिया’ को पूरी तरह से संरक्षित किया जाएगा।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
गोडावण संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश, पत्रिका फाइल फोटो
गोडावण संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश, पत्रिका फाइल फोटो

Rajasthan's state bird Great Indian Bustard: जयपुर। राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि गोडावण के संरक्षण वाले 14,032 वर्ग किलोमीटर ‘प्रायोरिटी एरिया’ को पूरी तरह से संरक्षित किया जाएगा। इस क्षेत्र में दो मेगावाट से बड़े सोलर और विंड प्रोजेक्ट नहीं लग सकेंगे, और सभी ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनें भूमिगत करनी होंगी।

इस आदेश से कई कंपनियों के बड़े प्रोजेक्ट्स पर रोक लग जाएगी, जबकि जिन ट्रांसमिशन लाइनों के काम जारी हैं, उन्हें बीच में ही रोकना होगा। इस क्षेत्र से गुजरने वाली हर लाइन के लिए करीब 10 किलोमीटर का डेडिकेटेड कॉरिडोर भी बनेगा। उर्जा विभाग और बिजली कंपनियां कोर्ट के आदेश का प्रभावी तरीके से अध्ययन कर रही हैं, ताकि अब उसी के अनुरूप नियम-शर्तों में फेरबदल करें। इसी आधार पर प्रोजेक्ट टेंडर में भी शर्तें बदलेंगी।

पोटेंशियल एरिया में खुला रास्ता

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और विद्युत प्रसारण निगम के अधिकारियों का दावा है कि इस आदेश का दूसरा पहलू राहतभरा है। उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने गोडावण की आवाजाही वाले करीब 64 हजार वर्ग किलोमीटर ‘पोटेंशियल एरिया’ से सभी बंदिशें हटा दी हैं। अब इस क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी और न ही बर्ड फ्लाई डायवर्टर लगाने की शर्त रहेगी। इससे प्रोजेक्ट की लागत करीब 10 प्रतिशत तक घट जाएगी और राज्य में 160 से 170 गीगावाट तक की अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित करने का रास्ता खुल गया है।

भूमिगत लाइनें होंगी 5 गुना महंगी

राज्य विद्युत प्रसारण निगम, डिस्कॉम्स और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन को अब प्रायोरिटी एरिया में ट्रांसमिशन लाइन भूमिगत करनी होंगी। जानकारों के अनुसार भूमिगत लाइन बिछाने में ओवरहेड लाइन की तुलना में पांच गुना ज्यादा खर्च आता है, जिससे परियोजनाओं की लागत में बढ़ोतरी तय है।

यह है एरिया

  1. प्रायोरिटी एरिया: जहां गोडावण स्थायी रूप से रहते हैं।
  2. पोटेंशियल एरिया: जहां तक गोडावण की आवाजाही होती है।

अफसर बोले- अब नेटवर्क तेजी से बनेगा

बिजली कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि पहले सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से अनुमति लेने की प्रक्रिया बहुत लंबी थी, जिससे कई प्रोजेक्ट फंस गए थे। अब पोटेंशियल एरिया में यह बाधा खत्म हो जाएगी, जिससे राज्य में सोलर और विंड पावर के साथ-साथ बिजली सप्लाई नेटवर्क को भी तेजी से बढ़ाया जा सकेगा।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar