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आरडीपीएल को नहीं मिल रहा कोई भी तारणहार, दवा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का इंतजार

केंद्रीय कैबिनेट फैसला ले चुकी, भाजपा के जनप्रतिनिधि बता चुके जरूरत कंपनी शुरू हुई तो सरकार की निजी दवा कंपनियों पर कम होगी निर्भरता

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जयपुर। राजधानी के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित सरकारी दवा कंपनी राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (आरडीपीएल) को फिर से शुरू करने के लिए कोई तारणहार नहीं मिल रहा है। हैरत की बात यह है कि केंद्र सरकार इस कंपनी में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी राजस्थान सरकार को हस्तांतरित कर राज्य सरकार के स्तर पर ही शुरू करने की सहमति दे चुकी है। भाजपा के कई नेता और जनप्रतिनिधि भी कांग्रेस सरकार के समय से ही यह कंपनी शुरू करने की मांग करते आए हैं लेकिन अब मौजूदा सरकार में आठ माह बाद भी इस कंपनी के शुरू होने का इंतजार है। कंपनी शुरू होने से राजस्थान सरकार की नि:शुल्क दवा योजना सहित महामारी और अन्य आपात हालात में दवाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और निजी पर निर्भरता कम होगी।

इस कंपनी में 1981 से सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान गुणवत्तापूर्ण जीवन रक्षक दवाइयों का उत्पादन तथा समयबद्ध आपूर्ति भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार में होती रही है। कंपनी बंद हुए करीब आठ वर्ष हो चुके हैं। इससे पहले केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय और राजस्थान सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी में यह कंपनी संचालित होती थी। कंपनी बंद होने के बाद आज भी यहां करोड़ों रुपये की मशीनें और दवा उत्पादन की क्षमता मौजूद है।

इस तरह चलता रहा मामला

केंद्र सरकार व राजस्थान सरकार के बीच हुई सहमति के बाद केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय फार्मास्यूटिकल्स विभाग की ओर से कंपनी के संचालन के प्रस्ताव के अंतर्गत केंद्रीय आर्थिक मामलों एवं विनिवेश कैबिनेट कमेटी ने 22 जून, 2022 को आरडीपीएल के 51 प्रतिशत शेयर राजस्थान सरकार को हस्तांतरित करने का अनुमोदन कर दिया था। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने 1 मार्च, 2023 को मंजूरी दी थी। मौजूदा भाजपा सरकार के समय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कंपनी परिसर की विजिट की और हिंदुस्तान एंटीबायोटिक कंपनी को आरडीपीएल को पुनः चलाने के लिए डीपीआर बनाकर एक महीने में देने का आदेश दिया। जिसे हिंदुस्तान एंटीबायोटिक ने 25 मई को ही भेज दिया। विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया के रोड़ न. 12 स्थित इस कंपनी को पुनः शुरू करने के लिए 2023- 24 बजट में भी घोषणा की गई थी। कंपनी को फिर से राज्य सरकार के नियंत्रण में लाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसी वर्ष 24 जुलाई को बैठक भी हुई। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उद्योग, वित्त, रीको के अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक में आरडीपीएल को पुनर्जीवित करने के पिछली सरकार के निर्णय की समीक्षा करने के लिए मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष रखने का निर्णय ले लिया गया।

ये नेता कर चुके मांग

आरडीपीएल को फिर से शुरू करने के लिए भाजपा के पूर्व नेता और अब पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भाजपा नेता रामचरण बोहरा, सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ भी कांग्रेस सरकार के समय मांग कर चुके हैं।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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