Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

बाघों की दहाड़… राजस्थान की नई पहचान, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म भरेगा ऊंची उड़ान

World Tiger Day 2023: राजस्थान भी अब टाइगर स्टेट बनने के लिए मध्यप्रदेश की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा बाघों का कुनबा इसका संकेत दे रहा है। इससे राजस्थान में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म ऊंची उड़ान भरेगा।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
photo_6206028645672270007_y.jpg

देवेंद्र सिंह राठौड़
जयपुर. World Tiger Day 2023: राजस्थान भी अब टाइगर स्टेट बनने के लिए मध्यप्रदेश की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा बाघों का कुनबा इसका संकेत दे रहा है। इससे राजस्थान में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म ऊंची उड़ान भरेगा।

राजस्थान में बाघों की संख्या 120 के करीब पहुंच चुकी है। डेढ़ दशक पहले प्रदेश मेें बाघ 26 ही थे। पिछेल एक माह में ही यहां 11 शावक देखे गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। इससे वन महकमे के अफसर ही नहीं वन्यजीव प्रेमी भी खुश हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि यहां के रॉयल बंगाल टाइगर को रॉयल राजस्थान टाइगर कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। वन अधिकारियों का कहना है कि जहां बाघ विचरण करता है, वहां की वन संपदा सुरक्षित रहती है। हालांकि शिकारियों से बाघों को बचाए रखना बड़ी चुनौती है।

दबदबा... देश-विदेशसे आ रहे सैलानी
वन अधिकारियों के अनुसार रणथम्भौर, बूंदी, अलवर, कोटा, झालावाड़, करौली और धौलपुर के वन क्षेत्र में बाघ रह रहे हैं। एक बाघ डेढ़ साल से जयपुर के जमवारामगढ़ में भी घूम रहा है। खासबात है कि यूरोप, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान सहित कई देशों मेें रॉयल बंगाल टाइगर की यह उपप्रजाति नहीं है, जो यहां पाई जाती है। इसलिए दुनियाभर में दबदबा है। देश-विदेश से कई वन्यजीव प्रेमी यहां के बाघों को निहारने आते हैं।

यह भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस पर बॉयोलोजिकल पार्क से मुकुंदरा शिफ्ट हो सकते हैं टी-114 के शावक

सौगात... जयपुर में टाइगर सफारी जल्द
राजस्थान में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान बाघों के लिए ‘नर्सरी’ साबित हो रही है। बाघ विहीन हुए सरिस्का या फिर मुकुंदरा, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन यहीं से भेजे गए हैं। बाघों की संख्या बढ़ने पर अन्य वनक्षेत्रों में भी सफारी शुरू हो सकती है। इनसे पर्यटन, राजस्व और रोजगार बढ़ेंगे तो क्षेत्र का विकास होगा। नाहरगढ़ जैविक उद्यान में भी टाइगर सफारी प्रस्तावित है। इस साल के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य है।

चिंता... मॉनिटरिंग पर उठ रहे सवाल
बाघों की सुरक्षा को लेकर चुनौतियां भी बढ़ रही है। टाइगर रिजर्व में सख्त मॉनिटरिंग, रिक्त पदों पर भर्ती, पर्याप्त साधन-संसाधन जुटाने की जरूरत है। क्योंकि मॉनिटरिंग को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। बताया जा रहा है कि रणथम्भौर से कई बाघ-बाघिन गायब भी है।

यह भी पढ़ें : इंटरनेशनल टाइगर डे: बाघ की दहाड़ से गूंजा राजस्थान, देखें सभी आंकड़ें

खुशी... एक माह में यहां दिखे शावक
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में पिछले दिनों बाघिन रिद्धि व एरोहेड 3-3 शावकों के साथ दिखी। सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघिन एसटी 19 के साथ 2 शावक दिखे। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में भी वीटी-2 बाघिन के साथ 3 शावक दिखाई दिए हैं।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar