AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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जयपुर। वर्ष 2025 राजस्थान न्यायपालिका के लिहाज से फैसलों के लिए तारीख के इंतजार को लेकर नहीं, फैसलों से इतिहास बनी तारीखों के लिए याद रखा जाएगा। राजनेता राजनीति से अधिक अदालती कार्यवाहियों को लेकर सुर्खियों में रहे, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने एक साल में 3 बार राजस्थान आकर प्रदेश को समझने में उनकी दिलचस्पी को दिखाया।
पहली बार राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 40 के पार पहुंची, जिससे न्यायाधीशों के बैठने तक के लिए जगह कम पड़ गई। अदालती दखल ने कानूनी परीक्षा के बाद कुछ नेताओं को जेल से बाहर आने का रास्ता दिखाया, तो कुछ को जेल जाने का। सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों तक विधानसभा कार्यवाही का गवाह रहे जयपुर के टाउन हाल को राजस्थान की जनता की झोली में ही रहने दिया, तो अरावली पर्वतमाला को लेकर बड़ा फैसला देकर सियासी गर्माहट पैदा कर दी। सड़क हादसों में मौत, जर्जर स्कूल भवन व नदियों में प्रदूषण पर गंभीरता दिखाकर सरकार को सुधार के लिए मजबूर किया।
7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंता से विधायक रहे भाजपा के कंवरलाल मीणा को 20 साल पहले स्थानीय चुनाव के दौरान तत्कालीन एसडीएम पर पिस्तौल तानने के मामले में 3 साल की सजा के झालावाड़ स्थित अकलेरा की एडीजे कोर्ट के 14 दिसंबर 2020 के आदेश को बरकरार रखा। इसके बाद कंवरलाल जेल गए और विधायकी चली गई।
एक दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एकल पट्टा प्रकरण में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की गिरफ्तारी रोक दी। हाईकोर्ट ने एक नवंबर को एसीबी को फिर जांच शुरू करने और क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट पिटिशन पर सुनवाई की अनुमति दी। इससे पहले 23 मई 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फर्जी मार्कशीट मामले में चूरू विधायक हरलाल सहारण के खिलाफ वर्ष 2015 में दर्ज आपराधिक मुकदमे को वापस लेने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।
15 जुलाई को जयपुर की एडीजे कोर्ट संख्या 9 ने विधायक मुकेश भाकर व मनीष यादव को छात्र आंदोलन के दौरान अगस्त 2014 में रास्ता रोकने के मामले में एक-एक साल की सजा के जयपुर महानगर-प्रथम के एसीजेएम-19 कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।
14 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा से प्रश्न वापस लेने के बदले 20 लाख रुपए लेने के मामले में गिरफ्तार बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल व अन्य को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
3 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा को धोखाधड़ी व साजिश के 8 वर्ष पुराने मामले में भरतपुर की कोर्ट के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द कर दिया।
3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 900 करोड़ के जल जीवन मिशन मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत मंजूर कर ली, जिस पर 4 दिसंबर को जेल से रिहाई। जोशी को ईडी ने 24 अप्रेल को गिरफ्तार किया। ,
4 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ दर्ज दो मामलों और वरिष्ठ भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत के खिलाफ दर्ज एक मामले को वापस लेने की अनुमति दे दी।
16 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश से सांसद हनुमान बेनीवाल को जयपुर में आवास खाली नहीं करना पड़ा, वहीं एक अन्य आदेश से नागौर में आवास का बिजली कनेक्शन बहाल हुआ।
13 नवंबर को पाली की उपभोक्ता अदालत ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को बीएसएनएल से 30 हजार रुपए हर्जाना दिलाया, वहीं उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपए दिलवाए। राठौड़ ने वर्ष 2016 में सिम खरीदी, जो चालू हुए बिना ही बीएसएनएल ने 1,09, 654 रुपए का बिल भेज दिया।
23 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व रविशंकर प्रसाद के खिलाफ सीएए को लेकर एफआइआर दर्ज कराने के लिए दायर अलवर के वकील की याचिका खारिज कर दी। साथ ही याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया।
20 अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण क्षेत्र कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अनिल चौपड़ा की चुनाव याचिका पर बार-बार नोटिस तामील नहीं होने पर सांसद राव राजेन्द्र सिंह को अखबार के जरिए नोटिस तामील कराने का आदेश दिया।
28 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया, वहीं आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए स्वप्रेरणा से जनहित याचिका दर्ज करने की। इसके अलावा एक अन्य एकलपीठ ने इस भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों को अगली भर्ती में आयुसीमा में छूट देने पर विचार करने को कहा। खंडपीठ ने इन सभी आदेशों की पालना पर रोक लगा दी।
15 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1993 में मुंबई सहित छह राज्यों में हुए सीरियल ट्रेन बम ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अशफाक खान, एफआर सूफी, एआर अंसारी, मोहम्मद एजाज अकबर, मोहम्मद अमीन, मोहम्मद शमसुद्दीन और मोहम्मद अफाक को समय पूर्व रिहा करने से इनकार कर दिया। ये सभी 20 साल से जेल में हैं। उधर, अजमेर दरगाह ब्लास्ट प्रकरण के आरोपियों को रिहा करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जिस पर नोटिस जारी हो चुके।
3 अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने हाउस टैक्स विवाद पर करीब 24 साल पहले जयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्यों की ओर से दायर याचिका से नाम के आगे से महाराज-प्रिंसेस जैसी पदवी हटाने को कहा। साथ ही चेतावनी दी कि इनको नहीं हटाया तो याचिका खारिज हो जाएगी।
10 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेकर हाईवे के किनारे स्थित ढाबों और सड़कों की हालत पर रिपोर्ट मांगी। इससे पूर्व 4 नवंबर 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया, वहीं हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित प्रधान पीठ ने सड़क दुर्घटनाओं पर दुख जताते हुए प्रसंज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में हाइवे के पास स्थित करीब 1100 शराब की दुकानों को हटाने का आदेश दिया।
जर्जर सरकारी स्कूल- हाईकोर्ट ने झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद जर्जर स्कूलों के पुनरुद्धार का रोडमैप मांगा।
कुपोषण-राजस्थान हाईकोर्ट ने कुपोषण से मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहे असर को लेकर जनहित याचिका दर्ज कर केंद्र व राज्य सरकार से स्थिति में सुधार के प्रयासों के बारे में रिपोर्ट मांगी।
डमी स्कूल- राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी शिक्षा मंडलों को एसआईटी गठित कर स्कूलों और कोचिंग संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण कर डमी स्कूलों का पता लगाने व उनकी मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए।
20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अरावली हिल्स और अरावली रेंज की परिभाषा तय की। इसके अनुसार 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली भू-आकृति को ही अरावली पहाड़ी माना जाएगा। यदि दो पहाडियों के बीच 500 मीटर का फासला है तो उसे भी इसी दायरे में माना जाएगा। मौजूदा खानों को सशर्त हरी झंडी दी, वहीं दीर्घकालिक खनन की अनुमति देने के लिए एक मैनेजमेंट प्लान तैयार कराने को कहा। मैनेजमेंट प्लान बनने तक नई लीज देने पर रोक लगा दी।
21 नवंबर को जोजरी, बांडी व लूनी नदियों में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए वस्तुस्थिति का पता लगाने के राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई। यह कमेटी जोधपुर, पाली और बालोतरा क्षेत्र में नदी पुनर्जीवन, प्रदूषण नियंत्रण और निगरानी की संपूर्ण प्रक्रिया की देखरेख करेगी।
धर्मान्तरण रोकने के कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में करीब आधा दर्जन याचिकाएं दायर। सुप्रीम कोर्ट अन्य राज्यों के कानून से जुड़े मामलों के साथ ही इन पर सुनवाई करेगा।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 23 साल की विवाहिता के फोटो और वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया पर अपलोड करने के मामले में 19 वर्षीय युवक को जमानत पर रिहा करने के लिए शर्त लगाई कि वह तीन साल तक सोशल मीडिया से दूर रहेगा। वहीं एक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा, 21 वर्ष से कम आयु वाला लड़का भी बिना शादी भी लिव-इन में रह सकता है।
20 अप्रेल को राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर के पुराने विधानसभा भवन (टाऊन हॉल), पुराना पुलिस मुख्यालय व पुराना होमगार्ड महानिदेशालय तथा जलेब चौक स्थित पुराने लेखाकार कार्यालय परिसर की की सम्पत्ति पर जयपुर के पूर्व राजपरिवार के दावें को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में पद्मिनी देवी व अन्य को राहत नहीं मिल पाई।
बड़ा संदेश: राजस्थान हाईकोर्ट ने किडनी ट्रांसप्लांट मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के मामले में कहा, विदेशी नागरिकों को भी भारतीय संविधान में जीने का अधिकार का अधिकार दिया है। उन्हें भी इस अधिकार के तहत गारंटी दी गई है।
जिला जज स्तर के अधिकारी जितेन्द्र गुलेरिया को जहां बालक के यौन शोषण के मामले में न्यायालय ने संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया, वहीं हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने गुलेरिया को बर्खास्त करने का फैसला किया।
राजस्थान हाईकोर्ट में इस साल 15 न्यायाधीश नियुक्त हुए, जिनमें कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद लंबे समय तक इंतजार करते रहे न्यायाधीश मनीष शर्मा व न्यायाधीश सुनील बेनीवाल भी शामिल है। इनके अलावा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की वापसी हुई, वहीं तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव का तबादला हो गया। राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती में 44 अधिकारियों का चयन हुआ, जिनमें से 28 महिलाएं हैं।
इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला मजिस्ट्रेट पिंकी मीणा को बहाल करने का आदेश दिया, वहीं तीन दिव्यांग न्यायिक अधिकारियों को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति मिली। उधर, सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती में 181 पदों के लिए केवल चार अभ्यर्थी ही चयनित हुए और चारों महिलाएं हैं।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अप्रेल में राजसमंद जिले के पिंपलांत्री में हुए पर्यावरण संबंधी कार्यों को देखने आए, वहीं सितंबर में तत्कालीन सीजेआइ बीआर गवई सहित सुप्रीम कोर्ट के करीब 20 न्यायाधीश परिवार सहित तीन दिन रणथम्भोर में रहे। दिसंबर में दो दिवसीय राष्ट्रीय न्यायिक कांफ्रेंस में सीजेआइ सूर्यकांत सहित सुप्रीम कोर्ट के करीब 20 न्यायाधीश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के करीब 60 न्यायाधीश व 80 न्यायिक अधिकारी जैसलमेर पहुंचे। कॉन्फ़्रेंस में साइबर, सेंसरशिप, डिजिटल मीडिया और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआइ) जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
28 Dec 2025 09:13 pm


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