AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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नव वर्ष के मौके और शीतकालीन अवकाश के दौरान सरकारी अधिकारियों के लिए जैसलमेर को लेकर वीआइपी और वीवीआइपी का बढ़ा आकर्षण बढ़ा है। कई प्रशासनिक और पुलिस सहित विभागीय उच्चाधिकारी यहां परिवार के साथ आ रहे हैं। उनके ठहरने के लिए होटलों व सम के रिसोर्ट में व्यवस्था जुटाना यहां पदस्थापित अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। प्रशासन के पास सरकारी विश्राम गृह के तौर पर सर्किट हाउस और डाक बंगलो और कुछ विभागों के अपने विश्राम गृह हैं। इन सबमें कमरे कम हैं और आने वालों की तादाद ज्यादा हैं। ऐसे में संकट और विकट हो गया है। पिछले कई दिनों से होटलों और रिसोट्र्स में हाउसफुल के हालात हैं।
जैसलमेर व सम क्षेत्र में होटलों और रिसोट्र्स में प्रशासन व पुलिस के अलावा प्रभावशाली विभागों के अधिकारियों ने पहले से अपने विशिष्ट मेहमानों के लिए कमरों सहित उनके मनोरंजन की व्यवस्थाएं कर ली। आने वालों के अनुसार व्यवस्थाएं की जाती हैं। अधिकारियों को जैसलमेर की होटलों तथा सम के रिसोट्र्स में उच्चाधिकारियों को ठहराने के लिए व्यवस्था करवानी पड़ रही है। एक ओर पर्यटन के लिहाज से बम्पर सीजन चल रहा है, ऐसे में स्थानीय अधिकारियों के संबंधित लोगों से व्यक्तिगत सम्पर्क काम आ रहे हैं। बड़ी होटलों तथा नामचीन रिसोट्र्स के प्रबंधकों को भी अधिकारियों का अनुरोध स्वीकार करना ही होता है। हालांकि उनके पास पहले से अच्छी खासी बुकिंग होती है। हर साल के आखिर में अधिकारियों के लिए व्यवस्था करने के लिए उन्हें कुछ कमरे अपने हाथ में रखने पड़े हैं। ऐसे लोगों को घाटा सहन कर बाहर से आने वाले वीआइपी को ठहराने की मजबूरी है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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लव सोनकर
लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...
Published on:
30 Dec 2025 09:09 pm


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