AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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झालावाड़। ऑपरेशन शटरडाउन अभियान के तहत चल रही जांच में झालावाड़ पुलिस ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया। अकलेरा तहसील का रीडर और कम्प्यूटर ऑपरेटर जालसाजों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर पेंशन स्वीकृति के आदेश तक जारी कर रहा था। इस मामले में रीडर और ऑपरेटर, सीएमएचओ ऑफिस के कम्प्यूटर ऑपरेटर, दो ई मित्र संचालकों समेत सात जनों को गिरफ्तार किया। विभिन्न सामाजिक योजनाओं में अपात्रों को फर्जी तरीके से पेंशन और सहायता राशि के फर्जी आदेश जारी कर करोड़ों रुपए की राशि उठाने के इस मामले में झालावाड़ पुलिस पिछले सवा माह में 47 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब तक पुलिस फर्जी लाभार्थियों के हजारों खाते फ्रीज करवा चुकी है।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत एसओजी और झालावाड़ पुलिस की संयुक्त टीमें जांच कर रही है। आपरेशन के तहत पूर्व में गिरफ्तार गिरोह के मुख्य सरगना दौसा निवासी रामावतार सैनी का मुख्य एजेंट झालावाड़ का देवरीखुर्द निवासी कुलदीप ढोली फरार हो गया था। कुलदीप ई मित्र चलाता था। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। सामाजिक सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़े के लिए कुलदीप ने अकेलरा तहसील के रीडर कम कनिष्ठ सहायक पंकज कुमार गुर्र्जर से सम्पर्क किया। पंकज ने उसे तहसीलदार की आईडी और ओटीपी उपलब्ध करवाई। जांच में पता चला कि तहसील कार्यालय से बड़ी संख्या में अपात्र लोगों को दिव्यांग और अन्य पेंशन अनुमोदित कर दिया गया। जांच में सामने आया कि खुरी निवासी ई मित्र संचालक रविंद्र कुमार लोधा ने बड़ी संख्या में मनोहरथाना क्षेत्र में पूरी तरह से स्वस्थ लोगों को दिव्यांग बताकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवा दिए। उसके आधार पर तहसील कार्यालय के रीडर की मदद से इन लोगों की दिव्यांग पेंशन जारी करवा दी।
एसपी के अनुसार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 40 प्रतिशत दिव्यांग होने पर सरकार पात्र लोगों को विशेष पेंशन देती है। इसके लिए चिकित्सा विभाग से दिव्यांग प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। इसके लिए ई मित्र से आवेदन किया जाता है। फिर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की अधिकृत आईडी से पात्र को प्रमाण पत्र जारी होता है। ई मित्र संचालक रविंद्र कुमार ने सीएमएचओ कार्यालय में संविदा पर नियुक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर युवराज सिंह से सम्पर्क किया और लालच देते हुए अपने गिरोह में शामिल कर लिया। युवराज ने सीएमएचओ की अधिकृत आईडी का दुरुपयोग कर बड़ी संख्या में अयोग्य व्यक्तियों के दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी कर दिए। प्रमाण पत्र के आधार पर अकलेरा तहसील के रीडर और कम्प्यूटर ऑपरेटर हेमन्त कुमार ने अकलेरा तहसीलदार की आईडी का दुरुपयोग किया और पेंशन स्वीकृति आदेश जारी कर दिए।
एसपी ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा योजना के अलावा फसल खराबा मुआवजा के लिए आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली [डीएमआईएस] पोर्टल में फर्जीवाड़ा पाया गया। इस मामले में खुरी निवासी जीतमललोधा को फर्जीवाड़ा करने पर गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ कर इस मामले में लिप्त अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।
एसपी ने बताया कि एक दिव्यांग प्रमाण पत्र से कई तरह के लाभ लिया जा सकता है। पेंशन के साथ स्कूटी, पालनहार योजना का भी लाभ मिलता है। इस मामले में एक जने ने फर्जी प्रमाण पत्र से एक स्कूटी भी ले ली, जिसे जब्त कर दिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों से तीन लेपटॉप,७ मोबाइल फोन, एक फिंगर स्कैनर, ए$क मिनी प्रिंटर,एक जीपीएस रिसीवर,ए$क स्कूटी व बड़ी मात्रा में संदिग्ध डिजिटल डाटा बरामद हुआ।
अकलेरा तहसील का रीडर पंकज कुमार गुर्जर, कम्प्यूटर ऑपरेटर हेमन्त कुमार,सीएमएचओ कार्यालय में कम्प्यूटर ऑपरेटर युवराज सिंह, ई मित्र संचालक कमलेश ढोली और रविंद्र कुमार, एजेंट राकेश कुमार और जीतमल को गिरफ्तार किया।
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Published on:
02 Dec 2025 08:29 pm


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