AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

झुंझुनूं. कहते हैं इंसानियत आज भी जिंदा है....बस जरूरत होती है सही वक्त पर सही फैसले की। स्टेट हाइवे-37 पर गुढ़ागौड़जी इलाके के बालाजी बस स्टैंड के पास बुधवार दोपहर हुए सडक़ हादसे के दौरान टीटनवाड़ गांव की ढाका की ढाणी निवासी आदित्य ढाका ने यही साबित कर दिखाया। हादसे में जहां एक बुजुर्ग की जान चली गई, वहीं आदित्य की सूझबूझ और इंसानियत ने एक युवक की जिंदगी बचा ली। पुलिस के अनुसार ओला की ढाणी निवासी सुलतान ओला (55) अपने पोते कपिल ओला के साथ बाइक से जा रहा था। ऊबली का बालाजी स्टैंड के पास बजरी कांटे के पास तेज रफ्तार डंपर ने ओवरटेक करने के प्रयास में बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दादा डंपर से कुचला गया। जबकि पोता सडक़ पर जा गिरा। कुचले जाने से सुलतान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कपिल बुरी तरह घायल हो गया। इसी दौरान वहां से गुजर रहे ढाका की ढाणी निवासी आदित्य ढाका पुत्र राजपालसिंह ढाका अपनी जीप में खल, चूरी सहित घरेलू सामान भरकर गांव लौट रहा था। हादसा देखते ही उन्होंने बिना एक पल गंवाए अपनी जीप सडक़ किनारे रोकी और उसमें भरा सारा सामान नीचे पटक दिया। आस-पास मौजूद लोगों की मदद से उन्होंने घायल कपिल को तुरंत जीप में बैठाया और सीधे सीएचसी गुढ़ागौडज़ी की इमरजेंसी में पहुंचाया।
अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉ. अनुराग चौधरी और नर्सिंग स्टाफ की टीम ने तत्काल उपचार शुरू किया। हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद कपिल को जयपुर रैफर किया गया। गुढ़ागौडज़ी थानाधिकारी सुरेश रोलन ने बताया कि घायल युवक की स्थिति में अब सुधार है और समय पर उपचार मिल पाया। इसमें आदित्य ढाका की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाले सुलतान ओला के शव को सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया। परिजनों के पहुंचने पर पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया। वहीं, डंपर को जब्त कर फरार चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। हादसे के बाद क्षेत्र में आदित्य ढाका की हर ओर चर्चा है। लोग कह रहे हैं सडक़ पर भले ही सामान बिखर गया, लेकिन एक परिवार का चिराग बुझने से बच गया। यही असली हीरो होता है। आदित्य दूध उत्पाद बनाने का कार्य करता है।
युवक की जान बचाने वाले आदित्य ढाका ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा कि चाहे सड़क हादसा हो या कोई अन्य आपात स्थिति, जहां तक संभव हो लोगों को घबराने के बजाय आगे आकर मदद करनी चाहिए। कई बार सिर्फ समय पर अस्पताल पहुंचा देने से किसी की जिंदगी बच जाती है। उन्होंने कहा कि जीवन देना और लेना भले ही भगवान के हाथ में हो, लेकिन इंसान का धर्म है कि वह जरूरतमंद की मदद करे। आदित्य ने बताया कि उनके किसान पिता राजपाल सिंह ढाका ने बचपन से ही उन्हें दूसरों के दुख में काम आने की सीख दी है और उसी संस्कार ने उस दिन उन्हें बिना सोचे-समझे मदद के लिए प्रेरित किया।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
18 Dec 2025 01:41 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।