AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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कटनी. कुठला थाना क्षेत्र के जघन्य एवं सनसनीखेज हत्या (चूने के भट्ठे में जिंदा जलाने) के प्रकरण में न्यायालय से मंगलवार को बड़ा फैसला आया है। नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुए कठोर दंड से दंडित किया है। चार आरोपियों को आजीवन कारावास, एक को 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह ऐसा हत्याकांड था, जिसने सभी का रोंगटे खड़े कर दिए थे। इस फैसले से क्षेत्र में यह स्पष्ट संदेश गया है कि जघन्य अपराध करने वालों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार न्यायालय ने आरोपी आशीष सिंह ठाकुर, विनोद सिंह गोंड, रंजीत उर्फ गोलू सिंह गोंड एवं सनम सिंह गोंड को धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही धारा 458 भादवि एवं 397 सहपठित धारा 34 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को 3000 रुपए अर्थदंड, धारा 201 सहपठित धारा 34 भादवि के अंतर्गत 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को 2000 हजार अर्थदंड से दंडित किया गया। वहीं आरोपी बृजरानी सिंह गोंड को धारा 412 भादवि के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि इस मामले सूचनाकर्ता तीरथ विश्वकर्मा ने 20 जून 2024 को थाने में दर्ज कराई गई थी। उन्होंने बताया था कि उनके बड़े पिता समनू प्रसाद विश्वकर्मा सिमको कंपनी कछगवां में कैशियर के रूप में कार्यरत थे और कंपनी परिसर में ही रहते थे। 20 जून की सुबह सूचना मिली कि समनू प्रसाद विश्वकर्मा को चूना भट्ठे में डाल दिया गया है। मौके पर पहुंचने पर भट्ठे से धुआं निकल रहा था, फायर ब्रिगेड द्वारा आग बुझाई गई और अधजला शव बाहर निकाला गया, जिसकी पहचान समनू प्रसाद विश्वकर्मा के रूप में हुई। अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हत्या कर शव को चूना भ_े में डालने की पुष्टि होने पर मामला दर्ज किया गया।
पुलिस द्वारा प्रकरण में धारा 302 एवं 201 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच की गई। साक्षियों के कथन, मेमोरेण्डम, जब्ती एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत आरोपियों के विरुद्ध धारा 302, 201, 460, 34, 120बी एवं 397 भादवि के अंतर्गत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार गर्ग द्वारा प्रभावी पैरवी की गई। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सशक्त साक्ष्यों एवं तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायालय ने आरोपियों को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई।
इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी कुठला अभिषेक चौबे ने मामले की गंभीरता से जांच की। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में आरोपियों का पता लगाया और समस्त साक्ष्य आदि एकत्रित कर आरोपियों के विरुद्ध चालान पेश किया गया। आरोपियों को सजा दिलाने में कुठला पुलिस ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
17 Dec 2025 11:08 am


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